नई दिल्ली २२ जुलाई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवनियुक्त 70 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नियुक्ति-पत्र वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रोजगार मेला देश के युवाओं को सशक्त करने और राष्ट्र की प्रगति में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयासों में युवाओं की भूमिका बेहद महत्पूर्ण होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान देश के विकास-पथ पर बढ़ते हुए एक सरकारी कर्मचारी के रूप में काम करने का अवसर मिलना गौरव और सम्मान की बात है। बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में उन्होंने कहा कि आज भारत एक सुदृढ बैंकिंग व्यवस्था वाला देश है, हालांकि नौ वर्ष पूर्व यह स्थिति नहीं थी। श्री मोदी ने कहा कि पहले सरकारी बैंकों के हजारों करोड़ रुपए के कर्ज डूब जाते थे, लेकिन आज वे रिकॉर्ड लाभ अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में लगभग पचास करोड़ जन-धन खाते खोले गए हैं और यह प्रत्येक बैंक कर्मी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि फोन बैंक घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था, जिसके कारण बैंकिंग क्षेत्र को भारी नुकसान उठाना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2014 के बाद से सरकारी बैंकों का प्रबंधन सुदृढ किया है। इसी के तहत दिवालिया संहिता कानून बनाया गया, ताकि ऐसी स्थिति में किसी भी बैंक को कम से कम नुकसान हो।
रोजगार मेला देश के 44 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है। इन मेलों से केन्द्र और राज्य सरकार के विभागों में नियुक्तियां की जा रही हैं। रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता पूरी करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे रोजगार सृजन में तेजी आएगी और युवाओं को राष्ट्र के विकास में भागीदारी का सार्थक अवसर मिलेगा। नवनियुक्त अभ्यर्थियों को कर्मयोगी प्रारंभ के माध्यम से स्वयं को प्रशिक्षित करने का भी अवसर मिल रहा है। इसके तहत 580 ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।