नई दिल्ली १० जुलाई: भारतीय मौसम विभाग ने उत्तर भारत के अधिकांश भागों में अगले एक से दो दिनों तक भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि दिल्ली सहित उत्तरी भारत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण तीव्र वर्षा हो रही है। दिल्ली में इस मौसम में पहली बार भीषण वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान सहित पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में आज अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी और व्यापक स्तर पर मध्यम वर्षा की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आज से 12 जुलाई तक कहीं-कहीं भीषण वर्षा हो सकती है और भारी से बहुत भारी वर्षा की भी संभावना है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। शिमला, सिरमौर, लाहौल और स्पिति, चंबा और सोलन जिलों में भू-स्खलन और अचानक बाढ के कारण सड़कों पर यातायात भी बंद हो गया है।
मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज मध्यम से भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की है, साथ ही यह भी कहा है कि 15 जुलाई तक हल्की वर्षा जारी रह सकती है। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भारी वर्षा के कारण आज स्कूल बंद रखे गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में 24 घंटे में 153 मिलीमीटर वर्षा हुई जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सबसे अधिक वर्षा का कीर्तिमान है। इससे पहले 25 जुलाई 1982 को दिल्ली में 24 घंटे में 169 दशमलव 9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी।
दिल्ली में मूसलाधार वर्षा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल से बात की और स्थिति की जानकारी ली। इस बीच दिल्ली सरकार ने कल हरियाणा के हथिनी कुंड बांध से एक लाख क्यूसेक से अधिक जल छोड़े जाने पर बाढ़ की चेतावनी जारी की।उधर दक्षिण भारत में केरल और कर्नाटक में मूसलाधार वर्षा के बाद बहुत से क्षेत्रों में पानी भर गया। मौसम विभाग ने केरल के कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड सहित चार जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इस बीच, मौसम विभाग ने पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में भी मध्यम वर्षा की संभावना व्यक्त की है। साथ ही पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में अगले पांच दिनों तक कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा के भी आसार हैं।