नई दिल्ली १७ जून: गुजरात के तटीय क्षेत्रों से टकराने वाला चक्रवात बिपरजॉय अब कमजोर हो गया है और इसके अगले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात शुक्रवार को रात साढ़े ग्यारह बजे और कमजोर होकर दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान में गहरे दबाव के रूप में बदल गया है। मौसम विभाग के अनुसार सौराष्ट्र में अनेक स्थानों पर तथा उत्तर गुजरात के कुछ क्षेत्रों में आज हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि गुजरात के कच्छ, पाटन, बनासकांठा जिलों और राजस्थान के बाड़मेर तथा जालौर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
वहीं दूसरी ओर चक्रवात बिपरजॉय कमजोर होकर राजस्थान में गहरे दबाव के रूप में प्रवेश कर गया है। इसके प्रभाव से राज्य के कई जिलों में तेज मूसलाधार वर्षा हो रही है। बाडमेर, जोधपुर, सिरोही, जालोर, पाली और जैसलमेर जिलों में लगातार तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। इसके अलावा बीकानेर, चुरू, सीकर, नागौर और झुंझुनू जैसे कई अन्य जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो रही है।
मौसम विभाग ने पाली, बाडमेर, सिरोही और जालोर जिलो में बहुत तेज बारिश का रेड अलर्ट जबकि जोधपुर, नागौर, उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा तथा अजमेर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने अरब सागर में उत्तर-पूर्व तथा उससे लगते मध्य-पूर्व क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में न जाने को कहा है। विभाग ने तटीय क्षेत्रों में गतिविधियों पर निगरानी रखने का भी अनुरोध किया है। मौसम विभाग ने चक्रवात बिपरजॉय के राजस्थान की ओर बढ़ने के मद्देनजर कल शाम को चेतावनी जारी की थी और राज्य के जालौर और बाड़मेर जिलों में तेज हवाएं तथा भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया था। इसके अलावा पाली, जोधपुर और सिरोही जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में आज तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने का रेड अलर्ट भी जारी किया गया है।
इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कल राज्य आपात संचालन केंद्र में एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रभावित जिलों में स्थिति की समीक्षा की। राहत आयुक्त आलोक पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन तथा विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल से प्रशासन चक्रवात से उत्पन्न प्रभाव से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार था और अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। गुजरात सरकार ने पूर्व निर्धारित योजना के अनुरूप एक लाख से भी अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि गुजरात के इतिहास में पिछले पांच दशकों में किसी आपदा के दौरान पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गया।