केन्‍द्र सरकार ने अरहर और उरद दाल की जमाखोरी रोकने के लिए भंडारण सीमा तय की

सरकार ने देश में अरहर और उड़द दाल की जमाखोरी रोकने और उपभोक्‍ताओं तक इनकी उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए भंडारण सीमा आदेश जारी किए हैं। थोक विक्रेताओं, खुदरा व्‍यापारियों और आयातकों के लिए अलग अलग भंडारण सीमा तय की गई है। लाइसेंसिंग आवश्‍यकताएं हटाने , भंडारण सीमा निर्धारण और आवाजाही पर प्रतिबंध संबंधी विशेष खाद्यान्न संशोधन आदेश 2023 कल से तत्‍काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

इस आदेश के तहत सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्‍टूबर 2023 तक अरहर और उड़द दाल की भण्‍डारण सीमा निर्धारित की गई है। थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेताओं को लिए 5 मीट्रिक टन, प्रत्‍येक खुदरा बिक्री केन्‍द्र के लिए 5 मीट्रिक टन और बड़ी श्रृंखला के खुदरा व्‍यापारियों के लिए 200 मीट्रिक टन की सीमा तय की गई है। आयातक अब कस्‍टम मंजूरी तिथि से तीस दिन से अधिक आयातित भण्‍डार नहीं रख सकेंगे। संबंधित विधि प्राधिकरणों को उपभोक्‍ता मामलों के विभाग के पोर्टल पर भण्‍डारण स्थिति घोषित करनी होगी। यदि भण्‍डार निर्धारित सीमा से अधिक पाया जाता है तो अधिसूचना जारी होने के तीस दिन के अंदर इसे निर्धारित सीमा में लाना होगा।

अरहर और उडद दाल की भण्‍डारण सीमा निश्चित करना आवश्‍यक वस्‍तुओं के मूल्‍य नियंत्रण के लिए सरकार के लगातार प्रयासों में एक महत्‍वपूर्ण कदम है।

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