विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिक्स के सदस्य देशों का आह्वान किया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत अन्य बहुपक्षीय संस्थानों में सुधारों को आगे बढ़ाने में अपनी गंभीरता का परिचय दे। दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में कल ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय संस्थानों में सुधारों के बारे में दो दशकों से मांग की जा रही है लेकिन लगातार निराशा हाथ लग रही है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि आज के वैश्विक वातावरण की मांग है कि ब्रिक्स समूह समकालीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीरता से रचनात्मक और समुहिक दृष्टिकोण अपनाए। उन्होंने कहा कि इस बैठक से यह कडा संदेश जाना चाहिए कि दुनिया बहुध्रुवीय है और उसका संतुलन बदल रहा है। इसलिए नई परिस्थितियों का सामना पुराने तरीकों से नहीं किया जा सकता।
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और सभी देशों को आतंकवाद को धन मुहैया कराने और इसके प्रचार के खिलाफ कठोर कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के हर रूप का मुकाबला करना होगा और किसी भी परिस्थिति में ऐसी गतिविधियों को माफ नहीं किया जा सकता।
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि आज जो भी समस्याए हैं उनका मुख्य कारण आर्थिक केन्द्रीकरण है जिसमें कई देशों को कुछ एक देशों के दया पर निर्भर रहना पड रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि चाहे उत्पादन हों, संसाधन हों, सेवाएं हो, या संपर्क हों इनका विकेन्द्रीकरण होना जरूरी है। विदेश मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में हाल में सामने आए प्रभाव इसी स्थिति को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने इन मुद्दों पर विकासशील देशों के आवाज को जी-20 के सामने रखा है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत का ब्रिक्स देशों से अनुरोध है कि आर्थिक विकेंद्रीकरण को बढावा देने पर विशेष रूप से विचार करें, क्योंकि यह राजनीतिक व्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाने के लिए आवश्यक है।