प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन से अपने पहले संबोधन में, नई संसद को नई नियति के साथ एक नया प्रयास बताया

नई दिल्ली २८ मई : नए संसद भवन से अपने पहले संबोधन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद को नई नियति के साथ एक नया प्रयास कहा। उन्होंने कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है, तो दुनिया आगे बढ़ती है। उन्होंने टिप्पणी की कि संसद का नया भवन भारत के विकास के साथ-साथ विश्व के विकास का आह्वान करेगा। नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष से राष्ट्र को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ एक इमारत नहीं है। यह आत्मनिर्भर भारत और 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया को भारत के संकल्प का संदेश देने वाला लोकतंत्र का मंदिर है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आज हर भारतीय नए संसद भवन को देखकर गौरवान्वित है।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा लोकतंत्र हमारी प्रेरणा है और हमारा संविधान हमारा संकल्प है। इस प्रेरणा और संकल्प का सबसे अच्छा प्रतिनिधि हमारी संसद है। श्री मोदी ने सेंगोल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस संसद भवन में जब भी कार्यवाही शुरू होगी, सेंगोल हमें प्रेरित करता रहेगा।

श्री मोदी ने कहा कि गुलामी के दौर में बहुत कुछ खोने के बाद भारत ने अपनी नई यात्रा की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि कई उतार-चढ़ावों और कई चुनौतियों से गुजरने के बाद यह यात्रा आजादी के स्वर्ण युग में प्रवेश कर चुकी है।

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