प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हर नई बुनियादी ढांचा परियोजना के साथ, हर क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिल रहा है

नई दिल्ली २६ मई: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि सरकारी व्‍यवस्‍था को वर्तमान समय के अनुसार स्‍वंय को परिवर्तित करना चाहिए। उन्‍होंने कल गुवाहाटी में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में असम सरकार के विभिन्न विभागों में नव-नियुक्त 44 हजार से अधिक कर्मियों को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए यह बात कही। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कल गुवाहाटी के वेटरनरी कॉलेज खेल मैदान में असम सरकार के विभिन्न विभागों में नव-नियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी ने आजादी का अमृत काल में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। नई आधारभूत परियोजनाओं का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत के बुनियादी ढांचे को बहुत तेज गति से लाखों करोड़ रूपये खर्च करके आधुनिक बनाया जा रहा है। उन्होंने राष्‍ट्रीय राजमार्गों, एक्‍सप्रेस वे, रेल लाइनों, बंदरगाहों और अन्‍य अधोसंरचनाओं का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक नई परियोजना के साथ हर एक क्षेत्र में रोजगार और स्‍व-रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। नव-नियुक्त कर्मियों के व्यवहार, सोच, कार्य के प्रति दृष्टिकोण और जनता पर प्रभाव के महत्व पर श्री मोदी ने कहा कि नव-नियुक्‍त कर्मचारी आम नागरिकों के लिए असम सरकार का चेहरा होंगे।

प्रधानमंत्री ने युवाओं और सभी सरकारी विभागों से नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्‍य से समय की मांग के अनुरूप स्‍वंय को बदलने का आग्रह किया। उन्‍होंने सरकारी कर्मचारियों में देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जिम्‍मेदारी का भाव उत्‍पन्‍न करने का आह्वान किया। श्री मोदी ने नव-नियुक्त कर्मियों से समर्पण के साथ आगे बढ़ने की भी सलाह दी। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी सरकारी कर्मचारी नई बातों और प्रणालियों को सीखें तथा समाज और व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपना योगदान दें। प्रधानमंत्री ने असम डाइरेक्‍ट रिक्रूटमेंट कमीशन के माध्यम से बड़ी संख्या में पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से भर्तियों के लिए असम सरकार की सराहना की और सभी नव-नियुक्‍त कर्मियों को शुभकामनाएं दी। श्री मोदी ने कहा कि भारत बुनियादी ढांचा क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और इससे युवाओं को रोजगार के पर्याप्‍त अवसर मिल रहे हैं।
इससे पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीमन्‍त शंकरदेव कलाक्षेत्र से गुवाहाटी में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कैंपस शिलान्यास समारोह को वर्चुअल माध्‍यम से संबोधित किया। उन्‍होंने अपराध सिद्धि के लिए न्याय प्रणाली के साथ फोरेंसिक विज्ञान जांच को एकीकृत करने के महत्व पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दिन असम और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि अब गुवाहाटी में भी छात्र फोरेंसिक का अध्ययन कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में विशिष्ट विश्वविद्यालय है और यह शत-प्रतिशत रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम है।

गृहमंत्री ने कहा कि जब तक वैज्ञानिक रूप से जांच नहीं की जाती है, तब तक किसी भी अपराधी को दंडित नहीं किया जा सकता। इसलिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण हो जाता है कि फोरेंसिक विज्ञान के विशेषज्ञों को उन सभी अपराधों के मामले में घटनास्‍थल का दौरा करना चाहिए, जिनमें छह वर्ष या उससे अधिक सजा का प्रावधान है। उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की सहायता से अपराध सिद्धि के आंकड़ों में बढोतरी होगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि देश फोरेंसिक विज्ञान तथा इसकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और अगले कुछ वर्षों में काफी बडी संख्या में फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ उपलब्‍ध होंगे। उन्‍होंने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान, अपराधी को दंडित करने के लिए आवश्‍यक साक्ष्‍य प्रदान कर सकता है।

  गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि युगाण्‍डा में एक संस्‍थान होने के साथ ही पूरे देश में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के दस कैम्‍पस अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि गुवाहाटी स्थित कैम्‍पस काफी उपयोगी साबित होगा, क्‍योंकि इसमें दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के छात्र और अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विश्वविद्यालय के अस्थायी परिसर की भी शुरुआत की।

श्री शाह ने असम पुलिस सेवा सेतु इंटरएक्टिव ऐप का शुभारंभ भी किया। इस ऐप के माध्‍यम से -एफआईआर सहित पुलिस स्टेशनों पर गए बिना ही 26 तरह की सेवाएं ली जा सकती है। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस विश्‍वविद्यालय की आधारशिला रखा जाना असम के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है और उनकी सरकार इस कैम्पस को पूरे देश में उत्‍कृष्‍टता के केन्‍द्र के तौर पर विकसित करेगी। श्री शर्मा ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान से दोष सिद्धि की दर में वृद्धि होगी और इससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा।

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