नई दिल्ली २२ मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे के साथ बैठक की और व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर विचार विमर्श किया। श्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने और श्री मारापे ने सार्थक बातचीत की, जिसमें दोनों देशों के समूचे द्विपक्षीय संबंध शामिल थे। श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने और श्री मारापे ने वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन के बारे में सहयोग बढ़ाने के तौर तरीकों पर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब दादाए के साथ भी अलग से बातचीत की और दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने पर बल दिया। श्री मोदी ने ट्वीट में कहा कि पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल के साथ उनकी बैठक बहुत अच्छी रही। गवर्नर जनरल के साथ बैठक के बाद श्री मोदी एपीईसी हाउस पहुंचे। इस हाउस को एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग के लिए विश्व के नेताओं की बैठक के लिए तैयार किया गया है और यह पोर्ट मोर्शबी में एलाबीच पर स्थित है। प्रधानमंत्री भारत-प्रशांत द्वीप समूह-एफ आई पी आई सी की तीसरी शिखर बैठक की सह अध्यक्षता कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने बैठक के प्रारंभिक संबोधन में कहा कि आज समूचा विश्व नई चुनौतियों का सामना कर रहा है और खाद्य, ईंधन, उर्वरक और फार्मा की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आ रही है। उन्होंने कहा कि जब कोविड ने विश्व को प्रभावित किया और कई विश्वसनीय देशों ने मदद नहीं की तब भारत प्रशांत क्षेत्र के अपने मित्र द्वीप देशों को सहयोग देने के लिए आगे आया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की यह जिम्मेदारी है कि वह जी20 के माध्यम से विश्व को ग्लोबल साउथ की चिंताओं, आशाओं और आकांक्षाओं के बारे में अवगत कराए। उन्होंने कहा कि भारतीय अवधारणा में समूचे विश्व को एक परिवार के रूप में देखा जाता है और वसुधैव कुटुंबकम भारत का प्रमुख प्रेरणा स्रोत है।
इस शिखर बैठक में करीब 14 देशों के नेता शामिल हो रहे है। वर्ष 2014 में श्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान एफ आई पी आई सी शुरू किया गया था। श्री मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने हवाई अड्डे पर श्री मोदी का स्वागत किया और उन्हें सम्मान देते हुए उनके पैर छूए।