प्रधानमंत्री ने कहा- प्रौद्योगिकी सूचना प्रदान कर सकती है लेकिन सही दृष्टिकोण केवल शिक्षक ही दे सकते हैं

नई दिल्ली १२ मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रौद्योगिकी सूचना प्रदान कर सकती है लेकिन सही दृष्टिकोण केवल शिक्षक ही दे सकते हैं। बदलते समय और चुनौतियों के साथ शिक्षक की भूमिका भी बदल रही है। गुजरात के गांधीनगर में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के 29वें द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि बदलते समय के साथ शिक्षकों के सामने छात्रों की बढ़ती जिज्ञासा को शांत करना और स्वयं को नवीनतम ज्ञान से अवगत रखने की वास्तविक चुनौती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि माता-पिता के बाद शिक्षक ही वह व्यक्ति है जिसके साथ छात्र अपना सबसे अधिक समय बिताता है। उन्होंने कहा कि छात्रों के प्रति शिक्षकों में जिम्मेदारी का बोध देश के मजबूत भविष्य की ओर ले जाएगा।

नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि नई नीति व्याहारिकता आधारित शिक्षा तथा मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर देती है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों को लाभ होगा। शिक्षक पेशे के प्रति कम होते रूझान पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का अनुरोध किया, ताकि छात्र शिक्षक बनने के लिए प्रेरित हों। उन्होंने स्कूलों में बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और पौष्टिक भोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि स्वास्थ्य और स्वच्छता की दिशा में शिक्षकों ने अनेक कदम उठाए हैं। इस सम्मेलन का विषय है -शिक्षा के बदलाव में शिक्षकों की भूमिका। देश के विभिन्न भागों से 91 हजार से अधिक शिक्षक इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री, पशुपालन और डेरी मंत्री परषोत्तम रूपाला, केंद्रीय महिला और बाल कल्याण राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्र मुंजापारा, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रूषिकेश पटेल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

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