नई दिल्ली ०८ मई : सर्वोच्च न्यायालय ने दिवंगत भारतीय प्रशासनिक अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में आज बिहार सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है, जिसमें गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह की जेल से समय से पहले रिहाई का विरोध किया गया था। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा जेल नियमों में बदलाव के बाद आनंद मोहन को जेल की अवधि में छूट के आदेश के अंतर्गत समय से पहले रिहा कर दिया गया था। आनंद मोहन सिंह सहित 27 कैदियों को भी जल्द रिहाई मिली थी।
आनंद मोहन 1994 में मुजफ्फरपुर डकैत छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के दौरान युवा आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या में अपनी संदिग्ध भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले 15 साल से जेल में बंद आनंद को 27 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था।