नई दिल्ली ०८ मई : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के अपनी तरह के पहले विरासत केंद्र का शुभारंभ किया।। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और भारतीय वायुसेना के बीच पिछले वर्ष हुए एक समझौते के तहत इस हैरीटेज सेंटर को स्थापित किया गया है।
यह विरासत केंद्र 17 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें वर्ष 1965 और 1971 के संग्राम तथा करगिल युद्ध और बालाकोट एयर स्ट्राइक की निर्णायक स्मृतियों को दीवार पर बने चित्रों तथा प्रतिमानों के माध्यम से दर्शाया गया है। ऐतिहासिक घटनाओं को संजोकर रखने वाले इस केन्द्र में एयरक्राफ्ट मॉडल, एयरो इंजन और हथियार दर्शाए गए हैं, जिनमें दो बैरल वाली ग्रियाज़ेव-शिपुनोव बंदूक भी शामिल है।
इस विरासत केंद्र में ऑग्मेंटेड रियलिटी, होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल घेराबंदी तथा भारतीय वायुसेना के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाले इंटरैक्टिव कियोस्क को प्रदर्शित किया गया है। यहां पर फ्लाइंग सिमुलेटर भी उपलब्ध है, जो आगंतुकों को उड़ान का अनुभव प्रदान करेंगे। विरासत केंद्र के अन्य आकर्षणों में पांच पुराने विमान और एसएएम – 3 पिकोरा मिसाइल भी शामिल है।
केंद्र में एक हिंदुस्तान पिस्टन ट्रेनर-32 प्राथमिक उड़ान प्रशिक्षण विमान रखा गया है। भारतीय वायुसेना में इसके क्रियान्वयन की अवधि वर्ष 1977 से 2009 तक रही थी। यहां पर एक मिग 21 सिंगल-सीट फाइटर को भी तैनात किया गया है। भारतीय वायुसेना में महिला अधिकारियों के योगदान को दर्शाने वाला एक विशेष खंड भी तैयार किया गया है।
इस केन्द्र में एक ऑडियो-विजुअल गैलरी के माध्यम से भारतीय वायुसेना की संपूर्ण यात्रा को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें प्रारंभ से लेकर आधुनिक समय तक भारतीय वायुसेना के विकास का प्रदर्शन होगा। इसके अलावा रैंकों और बैज के लिए एक अलग हिस्सा निर्धारित किया गया है, जहां पर भारतीय वायुसेना की वर्दी दिखाई जाएगी। दीवारों का एक भाग भारतीय वायुसेना के कई बचाव कार्यों को भी प्रदर्शित करता है।
विरासत केंद्र में स्मरणीय घटकों की बिक्री के लिए एक प्रतिष्ठान और एक थीम आधारित कैफे भी तैयार किया गया है।