नई दिल्ली ०२ मई : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बताया कि भारत तथा चीन के नेतृत्व वाले एशिया प्रशांत क्षेत्र का विकास 2022 के तीन दशमलव 8 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष चार दशमलव छह प्रतिशत तक बढने का अनुमान है। आईएमएफ ने अपने क्षेत्रीय आर्थिक सर्वेक्षण-एशिया तथा प्रशांत की जारी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी। वॉशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बताया कि यह क्षेत्र वैश्विक विकास में लगभग 70 प्रतिशत योगदान करेगा। एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र 2023 में विश्व के सबसे प्रमुख क्षेत्रों में सबसे अधिक गतिशील रहेगा। भारत तथा चीन के इस सर्वेक्षण में आईएमएफ की रिपोर्ट कहती है कि इस क्षेत्र की दो सबसे बडी उभरती अर्थव्यवस्थाएं इस वर्ष वैश्विक विकास में लगभग आधे का योगदान कर सकती हैं। इसके साथ एशिया तथा प्रशांत की शेष अर्थव्यवस्थाएं अतिरिक्त पांचवें भाग का योगदान कर सकती हैं। एशिया की गतिशीलता चीन की स्थिति में सुधार और भारत के विकास से संचालित होगी। वहीं 2023 में अन्य क्षेत्रों के साथ एशिया के शेष भागों में विकास निचले स्तर पर रहने की संभावना है।
इस बीच, आईएमएफ ने बताया कि वर्ष 2023 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये एक चुनौतिपूर्ण वर्ष साबित हो सकता है। कडी मौद्रिक नीति के कारण धीमी गति के वैश्विक विकास और रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों पर जारी रहेगा। आईएमएफ का कहना है कि मुद्रास्फीति के दबाव का बने रहना और अमरीका तथा यूरोप में वित्तीय क्षेत्र की मौजूदा समस्याएं जटिल आर्थिक परिदृश्य में अतिरिक्त अनिश्चितता बढायेगी।