अगरतला : त्रिपुरा भी देश में ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति में शामिल होने जा रहा है। त्रिपुरा सरकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिखाए रास्ते पर ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के बारे में सोचना शुरू करेगी। मूल रूप से जी-20 शिखर सम्मेलन में बांस से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर चर्चा हुई। इसलिए केंद्र सरकार के आदेश मिलते ही त्रिपुरा हरित हाइड्रोजन उत्पादन में तेजी लाएगा। यह बात त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने कही है।
संयोग से त्रिपुरा में जी-20 शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है। शिखर सम्मेलन में लगभग 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है। इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से भारतीय संस्कृति का संदेश फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
उनके मुताबिक छह थीम पर आधारित जी-20 शिखर सम्मेलन एक दिसंबर 2022 से शुरू हो गया है। इस साल शिखर सम्मेलन 30 नवंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत देशभर में 56 जगहों पर 200 बैठकें और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। त्रिपुरा भी उस शिखर सम्मेलन में भागीदार बनने के लिए सौभाग्य प्राप्त हुया है। उनके अनुसार, शिखर सम्मेलन त्रिपुरा में क्लीन एनर्जी फॉर ग्रीनर फ्यूचर के विषय पर आयोजित किया जा रहा है। सोमबार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उस विषय पर चर्चा होई है।
उनके मुताबिक त्रिपुरा में बांस के इस्तेमाल करके काफी संभावनाएं हैं। इस लिहाज से वियतनाम त्रिपुरा के लिए एक मॉडल हो सकता है, उस पर भी चर्चा हुई है। उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा के मुख्य सचिव को वियतनाम से जानकारी एकत्र करने का निर्देश दिया गया है। उसमें त्रिपुरा में बांस आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण संभव होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि त्रिपुरा में हरित हाइड्रोजन उत्पादन पर भी जोर दिया जाएगा। उस चर्चा को शिखर सम्मेलन में महत्व मिला है। उनके अनुसार त्रिपुरा में गैस आधारित और सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। त्रिपुरा में पवन आधारित बिजली उत्पादन संभव नहीं है। लेकिन, बांस के उपयोग से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की संभावना पर अलग से चर्चा की गई है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय सरकार द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन नीति लाई गई है। बजट में 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। परिणामस्वरूप, त्रिपुरा भी ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति में भाग लेने के बारे में सोचने लगा है। उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा में 107 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उसमें 10 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। अब हरित हाइड्रोजन उत्पादन के माध्यम से त्रिपुरा की आर्थिक प्रगति को लक्षित किया जाएगा।
उनके मुताबिक केंद्र के आदेश पर त्रिपुरा सरकार 30 नवंबर के बाद ग्रीन हाइड्रोजन पर बिचार करेगी। इस प्रकार, 2023 के अंत तक या 2024 की शुरुआत में, त्रिपुरा उस क्रांतिकारी यात्रा पर आगे के बारे में सोचेगा, उन्होंने कहा।