नई दिल्ली २९ मार्च : संसद के दोनों सदनों में अदाणी मुद्दे की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने और अन्य मुद्दों को लेकर आज भी हंगामा जारी रहा। बजट सत्र के दूसरे चरण का ये लगातार 12वां दिन है जब दोनों सदनों में गतिरोध बना रहा। हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों की अगली कार्यवाही अब तीन अप्रैल को होगी।
लोकसभा में पहले स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे जब सदन की बैठक दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेस, डी.एम.के. और अन्य दलाों के सदस्य सदन के बीचों-बीच आ गए और अदाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करने लगे। अन्य विपक्षी दल – तृणमूल कांग्रेस, जनतादल यूनाइटिड, शिवसेना उद्धव गुट और अन्य दलों के सदस्य भी नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने वन संरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश किया। उन्होंने जैवीय विविधता संशोधन विधेयक 2022 भी पेश किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक 2022 पेश किया, जो सदन में बिना बहस के पारित हो गया। शोर-शराबे के बीच पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपनी सीटों पर वापस चले जाएं। यह भी घोषणा की कि इस महीने की 31 तारीख तक सदन की कोई बैठक नहीं होगी। इससे पहले लोकसभा में आज सवेरे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस, डीएमके और अन्य दलों के सदस्य सदन के बीचों-बीच आ गए और अदाणी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करने लगे। उन्होंने अपना विरोध प्रकट करने के लिए काले कपड़े पहने हुए थे। शोर-शराबे के बीच पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिये स्थगित कर दी।
उधर, राज्यसभा में भी ऐसी ही स्थिति रही। दोपहर दो बजे तक के पहले स्थगन के बाद सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य फिर सदन के बीचों-बीच आ गए और अदाणी समूह के मामले पर संयुक्त संसदीय समिति की जांच कराने को लेकर नारेबाजी करने लगे। सत्तारूढ़ सदस्यों ने भारतीय लोकतंत्र पर राहुल गांधी के बयान को लेकर उनकी मांफी की मांग दोहराई। गतिरोध जारी रहने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को दिनभर तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले, दिन में सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य अदाणी समूह के मामले पर संयुक्त संसदीय समिति की जांच कराने को लेकर नारेबाजी करने लगे। तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, वामदल भी उनके समर्थन में आ गए। कांग्रेस और डी.एम.के. सदस्यों ने विरोध प्रकट करने के लिए काले कपड़े पहने हुए थे। हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई थी।