भारतीय लोकतंत्र और अडानी समूह के मुद्दे पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही आज लगातार सातवें दिन भी बाधित

नई दिल्ली २१ मार्च : विपक्ष और सत्‍ता पक्ष के सदस्‍यों की नारेबाजी के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों की अगली बैठक 23 मार्च को होगी। त्यौहारों के कारण कल संसद की बैठक नहीं होगी।

लोकसभा में, पहले स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, द्रविड मुन्‍नेत्र कडगम, भारत राष्‍ट्र समिति, आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अडानी समूह के मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। लोकसभा अध्‍यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के स्थगन नोटिस नामंजूर कर दिए। सत्‍ता पक्ष के सदस्यों ने भारतीय लोकतंत्र पर राहुल गांधी की टिप्‍पणी करने के लिए उनसे माफी की मांग दोहराई। इसके बाद, पीठासीन अधिकारी ने घोषणा की कि नव संवत्सर के कारण कल सदन की बैठक नहीं होगी। हंगामे का सिलसिला जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले आज सवेरे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, द्रविड मुन्‍नेत्र कडगम और अन्य विपक्षी सदस्य अडानी समूह मामले की संयुक्‍त संसदीय समिति की मांग करते हुए अध्‍यक्ष के आसन के समीप आ गए। लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिडला ने विरोध कर रहे सदस्यों से अपने आसन पर वापस जाने और सदन में शांति बनाए रखने का आग्रह किया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में भी इसी तरह की स्थिति बनी रही। दोपहर 2 बजे पहले स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने घोषणा की कि चैत्र शुक्लादि, उगादी, गुड़ी पड़वा और चेटी चांद के अवसर पर देश भर में त्यौहार के कारण कल सदन की बैठक नहीं होगी।

इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी से भारतीय लोकतंत्र पर दिए गए बयान पर माफी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी इस सदन के सदस्य नहीं हैं इसलिए उनकी माफी का कोई प्रश्‍न नहीं उठता। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

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