नई दिल्ली १० मार्च: भारत और अमरीका के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा करने के लिए आज नई दिल्ली में भारत-अमरीका वाणिज्यिक संवाद और सीईओ फोरम आयोजित किया जाएगा। इस संवाद से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की संभावनाओं के नए मार्ग खुल सकते हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमरीकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो संवाद की सह-अध्यक्षता करेंगे। सुश्री रायमोंडो इन दिनों श्री गोयल के निमंत्रण पर चार दिन की भारत यात्रा पर हैं। भारत-अमरीकी वाणिज्यिक संवाद एक सहकारी उपक्रम है, जिसमें निजी क्षेत्र की बैठकों के साथ-साथ दोनों सरकारों की आपस में नियमित बैठकें शामिल हैं। इसका उद्देश्य व्यापार को सुविधाजनक बनाना और आर्थिक क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में निवेश के अवसरों को अधिकतम करना है। पिछली भारत-अमरीका वाणिज्यिक वार्ता फरवरी 2019 में आयोजित की गई थी। इसके बाद कोरोना महामारी और अन्य कारणों से इसे आयोजित नहीं किया जा सका। आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन तथा विविधीकरण और नए उभरते क्षेत्रों पर ध्यान देते हुए रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ वाणिज्यिक वार्ता को फिर से शुरू किया जाएगा।
इससे पहले, भारत और अमरीका के वाणिज्य मंत्रियों ने पिछले साल 9 नवंबर को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत-अमरीका सीईओ फोरम का सॉफ्ट-लॉन्च किया था, जिसमें आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन को बढ़ाना, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना और समग्र ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना, विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए समावेशी डिजिटल व्यापार को आगे बढ़ाना और महामारी के बाद आर्थिक सुधार की सुविधा प्रदान करना प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल थे। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि व्यापार, वाणिज्य और अर्थव्यवस्था ने भारत-अमरीका के बहुआयामी रणनीतिक द्विपक्षीय संबंधों में हमेशा महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। आज दोनों देश एक-दूसरे के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं। भारत-अमरीका का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जबकि अमरीका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और सबसे बड़ा निर्यात स्थल है। दोनों देशों के बीच वस्तुओं के द्विपक्षीय व्यापार में 2022 में जबर्दस्त वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें 131 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इस प्रकार 2014 से 2022 यानी आठ वर्षों में यह दोगुना हो गया। उम्मीद की जाती है कि वस्तुओं और सेवाओं में कुल व्यापार 180 अरब डॉलर को पार कर सकता है। भारत के लिए अमरीका एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है और शीर्ष पांच निवेश स्थलों में से एक भी है।