वित्तीय समावेशन से जुड़ी सरकार की नीतियों ने करोड़ों लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बनाया : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली ७ मार्च: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वित्तीय समावेशन से जुड़ी सरकार की नीतियों ने करोड़ों लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बना दिया है। विकास के अवसर सृजित करने के लिए वित्तीय सेवाओं की दक्षता बढ़ाना विषय पर बजट-उपरांत वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का मुद्रा ऋण वितरित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार 40 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को पीएम स्वनिधि योजना में बैंकिंग क्षेत्र का सहयोग मिला है। श्री मोदी ने कहा कि वित्तीय समावेशन ने करोड़ों लोगों को औपचारिक अर्थव्यवस्था के तहत लाने में मदद की है। अमृत काल बजट ने भारत के विकास के लिए सर्व समावेशी वित्तीय क्षेत्र का रोडमैप तैयार किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार साहसिक और बड़े कदम उठा रही है और इसके रणनीतिक निर्णयों में बेहतर स्पष्टता और दूरदर्शिता भी है। उन्होंने कहा कि भारत 10-12 साल पहले पतन के कगार पर था, लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था का ब्राइट स्पाट बन गया है। श्री मोदी ने कहा कि देश में अब एक भरोसेमंद और मज़बूत वित्तीय प्रणाली है जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, नए भारत में घरेलू मांग में वृद्धि हुई है और देश का निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में भारी कर व्यवस्था की बात होती थी लेकिन आज स्थिति परिवर्तित हो गई है। उन्होंने कहा कि कर दरों में कमी के बावजूद कर संग्रह बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कर आधार में वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि लोगों का सरकार में विश्वास है. उन्होनें कहा कि कर को जनता के कल्याण पर खर्च किया जा रहा है। श्री मोदी ने निजी क्षेत्र से सरकार की ही तरह निवेश बढ़ाने का आग्रह भी किया। प्रधानमंत्री ने खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता और उच्च शिक्षा क्षेत्र को विश्वस्तरीय बनाने को कहा ताकि भारत विदेशी मुद्रा की बचत कर सके।

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