नई दिल्ली ०५ जनबरी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जल जीवन मिशन राज्य में प्रत्येक घर में जल पहुंचाने का प्रमुख विकास पैमाना है। पहले अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रिस्तरीय जल सम्मेलन को आज वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में जल राज्यों का विषय होता है और जल संरक्षण के लिए सभी राज्यों के प्रयासों से देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि अब तक 25 हजार अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा चुका है।
श्री मोदी ने जनता और सामाजिक संगठनों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए जल संरक्षण अभियानों में उनकी अधिकतम भागीदारी का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोग किसी अभियान से जुडते हैं तब उन्हें उस कार्य की गंभीरता के बारे में जानकारी होती है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का उदाहरण देते हुए कहा कि लोग जब इस अभियान से जुडे तब उनमें स्वच्छता के प्रति चेतना भी जागृत हुई। श्री मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को जल जीवन मिशन को अपने हाथों में लेना चाहिए और मिशन पूरा होने के बाद उन्हें यह प्रमाणित भी करना चाहिए कि उनके गांवों में पर्याप्त और स्वच्छ जल उपलब्ध हो गया है। प्रधानमंत्री ने प्रति बूंद अधिक फसल अभियान का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत इस अभियान से अब तक देश की 70 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत लाई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण के लिए वन क्षेत्र बढाने के महत्व को रेखांकित करते हुए वन मंत्रालय और जलशक्ति मंत्रालय के बीच सामूहिक प्रयासों की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे मिशन को मॉडल बनाते हुए दूसरे राज्य भी नदियों के संरक्षण के लिए अभियान शुरू कर सकते हैं।
जल शक्ति मंत्रालय ने पहले अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रिस्तरीय जल सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें सभी राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का विषय है – वर्ष 2047 के लिए जल दृष्टिकोण।