नई दिल्ली ०१ जनुअरी : भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया प्रणालीगत जोखिम सर्वेक्षण के अनुसार वैश्विक प्रभाव, वित्तीय बाजार और सामान्य जोखिम बढ़े हैं, जबकि व्यापक आर्थिक जोखिमों में कमी आई है। सर्वेक्षण से पता चला है कि भारतीय वित्तीय प्रणाली में लोगों का विश्वास बढ़ा है। 93 दशमलव 6 प्रतिशत लोग प्रणाली की स्थिरता के प्रति सकारात्मक हैं। सर्वेक्षण के अनुसार संस्थागत जोखिमों में कोई बदलाव नहीं आया है और अधिकांश प्रतिवादियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऋण संभावनाओं में सुधार महसूस किया है। उपभोक्ता भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता के बारे में आश्वस्त हैं।
भारतीय वित्तीय प्रणाली के सामने आने वाली आर्थिक समस्याओं पर बाजार सहभागियों और शिक्षाविदों सहित विशेषज्ञों की धारणाओं को जानने के लिए नवंबर 2022 में इस सर्वेक्षण का 23वां दौर आयोजित किया गया था। सर्वेक्षण में बाहरी घटनाक्रम से वित्तीय स्थिरता के लिए उत्पन्न जोखिम, विकसित अर्थव्यवस्थाओं द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने से प्रभावित होने वाले भारतीय वित्तीय प्रणाली के संभावित क्षेत्रों तथा 2023 में वैश्विक मंदी की आशंका के बारे में आम धारणा की जानकारी प्राप्त की गई। सर्वेक्षण में बताया गया है कि पिछले छह महीनों के दौरान वैश्विक वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के विश्वास में मामूली गिरावट आई है।