नई दिल्ली ३१ दिसंबर: विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि भारत वर्ष 2025 तक महत्वपूर्ण विनिर्माण केन्द्र के रूप में उभरेगा और पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था भी बन जाएगा। साइप्रस के निकोसिया में कार्यक्रम में डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आर्थिक दृष्टिकोण से व्यापारिक नीतियों में सुधार हुआ है और इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए भारत एक सुदृढ़ केन्द्र बना है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि महामारी के दौरान भारत वैक्सीन निर्माण के सबसे बड़े वैश्विक केन्द्रों में से एक था। देश ने 100 देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की। उन्होंने कहा कि जी-20 के लिए हमारा सिद्धान्त है – “वसुधैव कुटुम्बकम” और पिछले दो वर्षों में महामारी के दौरान हमने वास्तव में इसे कर दिखाया है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारत ने अपने इतिहास में सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल कर रहा है। पिछले वर्ष एफडीआई के रूप में देश में 81 अरब डॉलर निवेश हुआ। वर्ष 2021-22 में पहली बार देश का निर्यात 400 अरब डॉलर को पार कर गया और इस वर्ष भारत ने 4 से 70 अरब डॉलर का लक्ष्य निर्धारित किया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, विश्व के सबसे बड़े स्टार्टअप केन्द्रों में से एक है। भारत में लगभग 100 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं।
डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारत मौजूदा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक भरोसेमंद साझेदार है और व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है। भारत ने इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौते किए हैं।