सरकार अगले साल तक एक सौ अप्रयुक्त और कम उपयोग वाले हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जल हवाई अड्डों को पुनर्जीवित और विकसित करेगी

नई दिल्ली २० दिसंबर: सरकार अगले वर्ष तक अप्रयुक्‍त और कम उपयोग वाले सौ हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जल हवाई अड्डों को पुनर्जीवित और विकसित करने पर काम कर रही है। यह कार्य उड़े देश का आम नागरिक- उड़ान योजना के अंतर्गत एक हजार मार्गों को फिर से चालू करने के लक्ष्य का हिस्सा है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि सरकार ने मौजूदा अप्रयुक्त, कम उपयोग वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सार्वजनिक उपक्रमों और असैनिक क्षेत्रों के हवाई अड्डों और राज्य सरकारों की हवाई पट्टियों के पुनरुद्धार के लिए चार हजार पांच सौ करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण हवाई अड्डों के पुनरुत्‍थान और विकास की प्रगति की निगरानी कर रहा है।

उन्‍होंने बताया कि उड़ान योजना का शुभारम्‍भ अक्‍तूबर 2016 में किया गया था और यह दस वर्ष के लिए है। श्री सिंधिया ने कहा कि उड़ान योजना का उद्देश्‍य क्षेत्रीय सम्‍पर्क को बढ़ावा देना और हवाई यात्रा को सस्‍ता बनाना है। उन्‍होंने बताया कि पिछले महीने तक चार दौर की बोलियों के बाद 453 मार्गों पर हवाई उड़ान शुरू हो चुकी है, जबकि दो जल हवाई अड़्डो और 9 हैलीपोर्ट सहित 70 हवाई अड़डे चालू हो चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि उड़ान योजना के अंतर्गत दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों को सस्‍ती दर पर हवाई सम्‍पर्क उपलब्‍ध कराया गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि उड़ान के अंतर्गत दो लाख से अधिक सेवाएं दी जा चुकी हैं और एक करोड़ से अधिक यात्रियों को इसका लाभ मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *