नई दिल्ली १७ दिसंबर: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि काशी तमिल संगममकाशी से सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का समापन नहीं हो रहा है बल्कि एक ऐसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण का शुभारंभ हो रहा है जो केवल काशी और तमिलनाडु के बीच संपर्क को ही बहाल नहीं करता बल्कि यह देश की संस्कृति के सभी रंगों को समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि अन्य सभी देश भू-राजनैतिक अवधारणा पर आधारित हैं जबकि भारत का आधार विविध संस्कृतियों के खजाने के साथ उसकी भू-सांस्कृतिक विशिष्टता है। श्री शाह ने कल वाराणसी में काशी तमिल संगमम के समापन समारोह में यह बात कही।
माह भर चले इस सांस्कृतिक आयोजन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर को किया था। श्री शाह ने इस आयोजन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देते हुए कहा कि भारत के प्राचीन वैभव की पुनः स्थापना के लिए ऐसा प्रयास आज़ादी के फौरन बाद होना चाहिए था। श्री शाह ने यह भी कहा कि आज़ादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश का प्राचीन वैभव और एकता की भावना फिर बहाल हो रही है। श्री शाह ने कहा कि काशी तमिल संगमम तमिलनाडु और काशी की समृद्ध संस्कृतियों के बीच एक सेतु सिद्ध होगा। तमिलनाडु से आए बारह हजार से अधिक लोगों ने इस आयोजन में भाग लिया। श्री शाह ने कहा कि जिस गर्मजोशी से काशी ने तमिलनाडु के भाई-बहनों का स्वागत किया वो सराहनीय है।