नई दिल्ली ०९ दिसंबर : सरकार ने कहा है कि इस समय राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को फिर शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिज ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। 2015 में उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को निरस्त कर दिया था। इस अधिनियम के तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली को खत्म कर दिया गया था।
हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले पर प्रश्न उठाते हुए कहा था कि लोकतांत्रिक इतिहास में इस प्रकार का कोई और उदाहरण नहीं है, जहां संवैधानिक रूप से विधिवत कानून को न्यायालय ने निरस्त कर दिया हो।
कोलेजियम के लंबित प्रस्तावों की संख्या के बारे में श्री रिजिजू ने कहा कि पांच दिसम्बर तक उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश की नियुक्ति का एक प्रस्ताव और उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति के आठ प्रस्ताव केंद्र के पास हैं।