नई दिल्ली ०३ दिसंबर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली में एक समारोह में वर्ष 2021 और 2022 के लिए दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों, संस्थानों और संगठनों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। 2021 के लिए 25 और 2022 के लिए 29 व्यक्तियों, संस्थानों तथा संगठनों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों तथा दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय कार्यों के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। ये पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन, श्रेष्ठ दिव्यांगजन, श्रेष्ठ दिव्यांग बालक तथा बालिका, दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करने वाले सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति और सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर कार्यकर्ता सहित विभिन्न श्रेणियों में दिए गए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का उद्देश्य दिव्यांगों से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए स्वस्थ वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन जी सकें और बिना किसी भेदभाव के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में भी भाग ले सकें।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए उनमें आत्मविश्वास पैदा करना बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि दिव्यांग लोगों में सामान्य लोगों की तरह ही प्रतिभा और क्षमताएं होती हैं, और कभी-कभी वे उनसे भी अधिक सक्षम होते हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनने और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा दिव्यांगजनों सहित प्रत्येक व्यक्ति के सशक्तिकरण की कुंजी है। राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षा में भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने और दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने के लिए सक्षम व्यवस्था के महत्व को रेखांकित करती है।