नई दिल्ली ०२ दिसंबर: सरकार ने ड्रोन और ड्रोन उपकरणों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी वर्ष 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिए दी गयी है और इसके लिए 120 करोड़ रूपये का योजना खर्च तय किया गया है। इस योजना को नागरिक उड्यन मंत्रालय लागू कर रहा है।
मंत्रालय ने बताया कि योजना का उद्देश्य देश में ड्रोन और ड्रोन उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देना है और इस प्रक्रिया में स्वदेशी उद्योगों को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान दिया जायेगा। मंत्रालय ने यह भी बताया कि योजना के अंतर्गत भारत ने ड्रोन और ड्रोन उपकरणों के विनिर्माण से जुड़ी कंपनियों को सहायता प्रदान की जायेगी। योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम -एमएसएमई और स्टार्टअप क्षेत्र की कंपनी का वार्षिक कारोबार ड्रोन के लिए दो करोड़ रूपये और उपकरणों के लिए 50 लाख रूपये होना चाहिए।
एमएसएमई से अलग कंपनियों के लिए ड्रोन के लिए चार करोड़ रूपये और ड्रोन उपकरणों के लिए एक करोड़ रूपये की वार्षिक बिक्री होना जरूरी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाला अधिकार प्राप्त समूह योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा।