नजरूल कलाक्षेत्र में त्रिपुरा फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट का उद्घाटन

राज्य के युवाओं की सांस्कृतिक प्रतिभा विकास में त्रिपुरा फिल्म

और टेलीविजन इंस्टीट्यूट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी: मुख्यमंत्री

अगरतला २९ नवंवर: राज्य में जाति जनजाति वर्गों के कई युवाओं में सांस्कृतिक प्रतिभा है। प्रतिभा विकसित करने के लिए उपयुक्त मंच की जरुरत है। त्रिपुरा फिल्म और टेलीविजन इस्टीट्यूट उनके सांस्कृतिक प्रतिभा विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कल शाम नजरूल कलाक्षेत्र में त्रिपुरा फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करके मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने यह कहा। कोलकाता के सत्यजीत राय फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट के सहयोग से राज्य में पहली बार फिल्म इंस्टीट्यूट ने यात्रा शुरू किया। उद्घाटन समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री जिष्णु देवबर्मा, सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधुरी, अगरतला के मेयर दीपक गजुमदार, बांग्लादेश के प्रख्यात अभिनेता फिरदौस अहमद और एसआरएफटीआई, कोलकाता के अधिकर्ता हिमाशु शेखर काथुवा उपस्थित थे। इस इंस्टीट्यूट में स्क्रीन एक्टिंग, फिल्म एप्रीसिएशन, प्रोडक्शन मैनेजमेंट एवं न्यूज रिपोर्टिंग, एंकरिंग, न्यूज रूम ऑटोमेशन यह 4 कोर्स हैं। इस इंस्टीट्यूट में इस साल 47 छात्रों का भर्ती हुआ है।

समारोह में सम्मानित अतिथि उप मुख्यमंत्री जिष्णु देवबर्मा ने कहा, त्रिपुरा के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा की कभी नहीं है। लेकिन जैसे हीरा का मूल्य अधिक रूप देकर ही समझी जाती है वैसे ही प्रतिभा के लिए प्रशिक्षण और अभ्यास की जरुरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा, प्रत्येक राज्य की नीजि संस्कृति है, और फिल्म इस संस्कृति को उजागर करने के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है। समारोह में सम्मानित अतिथि सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधुरी ने इस इस्टीट्यूट को बनाने का संदर्भ बताया। उन्होंने कहा, हमारे राज्य में समृद्ध संस्कृति है। इस राज्य की प्राकृतिक सौदर्य अतुल्य है। इस फिल्म इंस्टीट्यूट के माध्यम से राज्य की प्राकृतिक सौंदर्य एवं समृद्ध संस्कृति को और उजागर करना संभव होगा।

अगरतला नगर निगम के मेयर दीपक मजुमदार ने कहा, आज राज्य के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। कला संस्कृति के साथ जुड़े लोगों की लंबी अपेक्षा आज पूर्ण हुई। कोलकाता के एसआरएफटीआई के अधिकर्ता हिमांशु शेखर काथुवा ने कहा, त्रिपुरा सरकार की फिल्म संबंधित एक दूरगामी दृष्टि है। टीएफटीआई उस लक्ष्य की ओर सिर्फ एक सूचना है। कोलकाता स्थित एफआरएफटीआई ने इस बीच फिल्म जगत में अपना नाम बना लिया है एवं विभिन्न कोर्स को सफलता के साथ परिचालित कर रही है।

समारोह के शुरुआत में त्रिपुरा फिल्म और टेलीविजन इस्टीट्यूट गठन के विषय पर एक डॉक्युमेंट्री दिखाया गया। सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधुरी एवं सचिव पी के चक्रवर्ती ने अतिथिगण को स्मारक उपहार प्रदान किया। इस इंस्टीट्यूट में 4 अल्पावधि कोर्स अब पढ़ाया जाएगा। पढ़ाई का 90 प्रतिशत शुल्क राज्य सरकार वहन करेगी। 10 प्रतिशत शुल्क छात्रों को देना होगा। उद्घाटन समारोह में सूचना एवं संस्कृति विभाग के अधिकारी रतन विश्वास उपस्थित थे।

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