नई दिल्ली, 26 नवम्बर (हि.स.)। विश्व के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के 74वें स्थापना दिवस से एक दिन पहले शनिवार को रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर बलिदानी शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक लाख से अधिक कैडेटों को संगठन से जोड़ने के बाद एनसीसी का विस्तार देश के तटीय और सीमावर्ती इलाकों तक हो गया है। इसके कारण इन इलाकों के युवा सशस्त्र बलों में शामिल होकर राष्ट्र निर्माण के लिये प्रेरित हो रहे हैं।
नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की स्थापना 1948 में हुई थी। यह संगठन 27 नवंबर को अपना 74वां स्थापना दिवस मनायेगा। इसी क्रम में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पूरे एनसीसी समुदाय की तरफ से बलिदानी शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर रक्षा सचिव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से एनसीसी का विकास हुआ है, इसीलिए वर्दीधारी युवा राष्ट्र निर्माण से जुड़ी हर गतिविधि में योगदान देने के लिए कंधा से कंधा मिलाकर जुट जाते हैं। एनसीसी स्थापना दिवस सभी राज्यों की राजधानियों में मनाया जा रहा है, जहां कैडेट मार्च-पास्ट, सांस्कृतिक गतिविधियों और सामाजिक विकास कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एनसीसी कैडेट्स ने तटीय इलाकों में चलाए गए पुनीत सागर स्वच्छता अभियान की तरह राष्ट्रव्यापी गतिविधि से लेकर एक भारत श्रेष्ठ भारत कैम्प, स्वच्छ भारत अभियान, हर घर तिरंगा और कोरोना राहत अभियान तक में हर जगह अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हाल ही में एक लाख से अधिक कैडेट्स को संगठन से जोड़ने के बाद एनसीसी का विस्तार देश के तटीय और सीमावर्ती इलाकों तक हो गया है। इस वजह से इन इलाकों के युवा सशस्त्र बलों में शामिल होकर राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित हो रहे हैं। एनसीसी चार दशकों से अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को बढ़ाने का मंच रहा है।
रक्षा सचिव अरमाने ने कहा कि इस दौरान एनसीसी ने अपने कैडेटों को 25 से अधिक देशों में युवा आदान-प्रदान कार्यक्रमों के तहत शांति व एकता का दूत बनाकर भेजा। एनसीसी ने कई वर्षों तक इस कार्यक्रम के तहत 30 से अधिक देशों के कैडेटों की मेजबानी की। एनसीसी की बहुआयामी गतिविधियों और विविधतापूर्ण पाठ्यक्रम में युवाओं को आत्म-विकास के अनोखे अवसर मिलते हैं। कई कैडेटों ने खेल व रोमांचकारी गतिविधियों के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर राष्ट्र और संगठन को गौरवान्वित किया है।