मुंबई, 24 नवंबर (हि.स.)। राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर तटस्थ न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह जब्त करना पूरी तरह गलत है। संजय राऊत ने यह भी कहा कि जिस तरह से हमारी पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम फ्रीज किया गया, वह एक राजनीतिक फैसला था।
संजय राऊत ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि भारत का चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। देश का चुनाव और देश का लोकतंत्र इसी संगठन के हाथ में है। अगर संवैधानिक संस्था किसी के इशारों पर काम करती है या शासकों के इशारे पर लोगों को नियुक्त करती है, तो देश में लोकतंत्र नहीं रह पाएगा। राऊत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चुनाव आयोग को फटकार लगाई है कि कोई चुनाव आयुक्त अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पा रहा है। संजय राऊत ने यह भी कहा है कि मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने लोगों की आवाज को नजरअंदाज नहीं किया।
संजय राऊत ने कहा कि टीएन शेषन के बाद उनके जैसा चुनाव आयुक्त देश को नहीं मिला है। इसी वजह से सेवानिवृत्त होने के बाद जब टीएन शेषन ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा तो शिवसेना ने उन्हें मतदान दिया था। देश को टीएन शेषन जैसा ही तटस्थ चुनाव आयुक्त की जरूरत है, जिससे देश में लोकशाही जीवित रह सके।