गुवाहाटी, 18 नवंबर (हि.स.)। मुगल आक्रमणकारियों को हराने वाले राष्ट्रीय नायक की वीरता और बलिदान को याद करने के लिए महान सेनापति महावीर लाचित बरफुकन की 400वीं जयंती को इस वर्ष असम सरकार बेहद भव्य रूप में मना रही है।
इस कड़ी में शुक्रवार से राज्यव्यापी सप्ताह पर चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया। इसी कड़ी में आज राष्ट्रीय नायक लाचित बरफुकन की वीरता और बलिदान की याद में सेना, वायु सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, आरपीएफ और असम पुलिस के साथ-साथ एनसीसी के कैडरों सहित देश के वर्दीधारी बल के जवानों ने गुवाहाटी के खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा खेल मैदान दिसपुर तक मार्च पास्ट किया। इस तरह के कार्यक्रम राज्य की विभिन्न जिलों में भी आयोजित किये गये।
लाचित दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को दिल्ली में दी। मुख्यमंत्री ने असम के लोगों से 24 नवंबर को लाचित दिवस के अवसर पर अपने घरों में मिट्टी के दीये जलाने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि असम में 18 नवंबर से और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 23 से 25 नवंबर तक समारोह आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 नवंबर को एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 24 नवंबर को मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को समापन समारोह में शामिल होंगे। विज्ञान भवन में लाचित बरफुकन पर एक किताब का विमोचन और महान योद्धा पर एक वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू 23 नवंबर को सुंदर पार्क में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
डॉ. सरमा ने कहा कि राज्य के भीतर और बाहर महान योद्धा की पवित्र स्मृति को बरकरार रखने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही देश के अन्य हिस्सों में लाचित दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थल सेनाध्यक्ष से स्मारक व्याख्यान आयोजित करने और महान योद्धा के नाम पर एक पुरस्कार स्थापित करने और इसे हर साल सर्वश्रेष्ठ कैडेट को प्रदान करने का अनुरोध करेंगे। साथ ही उन्होंने पाठ्य पुस्तकों में एनसीईआरटी से इस महान योद्धा पर एक अध्याय शामिल करने का अनुरोध करने की जानकारी दी है।