नई दिल्ली, 18 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत का अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव सिनेमा द्वारा एकजुट विभिन्न राष्ट्रों और समाजों के प्रतिनिधियों के बीच एक उत्साहजनक तालमेल को बढ़ावा देता है। उन्होंने आईएफएफआई को भारत का सबसे बड़ा फिल्म महोत्सव बताया और विश्वास व्यक्त किया कि “गोवा में इस मिनी-वर्ल्ड के भीतर होने वाली बातचीत से कला की दुनिया में गहरी समझ और नई सीख जोड़ेगी।”
प्रधानमंत्री ने आईएफएफआई के 53वें संस्करण की शानदार सफलता की कामना करते हुए अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएफएफआई और भारतीय सिनेमा ने वैश्विक मंच पर अपनी एक खास जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में फिल्में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंच रही हैं और दुनिया भर में इसकी सराहना की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने सामाजिक परिवर्तन लाने में फिल्मों की कथा शक्ति और भारतीय भाषाओं में कहानी कहने के समृद्ध इतिहास और कला की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दर्शकों के साथ भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करने की एक अनूठी क्षमता होती है। फिल्में अपनी कहानी के माध्यम से लोगों का मनोरंजन, उन्हें शिक्षित या प्रेरित करती हैं। सामाजिक परिवर्तन का वाहन बनने में उनका प्रभाव वास्तव में अद्वितीय है।
उन्होंने कहा कि भारत को एक समृद्ध और विविध संस्कृति का आशीर्वाद प्राप्त है। गद्य, कविता, संगीत, नृत्य, नाटक, नाटक से लेकर सिनेमा तक विभिन्न भारतीय भाषाओं में कहानी कहने का इतिहास और कला हमें हमारे जीवंत सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य का जश्न मनाने में सक्षम बनाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा ऐसे आयोजन के लिए एक आदर्श स्थान है। अपनी सुंदर प्रकृति और जीवंत संस्कृति के साथ, गोवा आईएफएफआई की मेजबानी के लिए एकदम सही पृष्ठभूमि प्रदान करता है। उन्हें यकीन है कि गोवा प्रतिभागियों की रचनात्मक कल्पना को प्रेरित करेगा, उन्हें नए विचारों के साथ आने के लिए प्रेरित करेगा ताकि सिनेमा को लगातार बढ़ते दर्शकों तक पहुंचाने में मदद मिल सके।
उल्लेखनीय है कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, यानी इफ्फी के 53वें संस्करण का आयोजन 20 से 28 नवंबर, 2022 को गोवा में किया जाएगा। ये वार्षिक फिल्म महोत्सव कला, फिल्मों और संस्कृति की एकजुट ऊर्जा और भावना को संजोते हुए इन क्षेत्रों के बड़े-बड़े दिग्गजों को एक ही छत के नीचे साथ लाता है। इस साल 79 देशों की 280 फिल्में यहां दिखाई जाएंगी। भारत की 25 फीचर फिल्मों और 20 गैर-फीचर फिल्मों को ‘इंडियन पैनोरमा’ में दिखाया जाएगा, जबकि 183 फिल्में अंतरराष्ट्रीय प्रोग्रामिंग का हिस्सा होंगी।