नई दिल्ली, 18 नवंबर (हि.स.)। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट आईआईएसएसएम) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद आर.के सिन्हा ने कहा कि आईआईएसएसएम पिछले 32 वर्षों से सिक्योरिटी प्रशिक्षण के लिए प्रतिबद्ध संस्था है।
सिन्हा ने शुक्रवार को आईआईएसएसएम के दो दिवसीय 32वां अन्तरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव की शुरुआत करते हुए कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। सुरक्षा एजेंसियों को समय-समय पर नई तकनीक से खुद को अपग्रेड करते रहना चाहिए। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते सिन्हा ने कहा कि प्राइवेट सिक्यूरिटी हानि-बचाव के लिए काम करती है।
आईआईएसएसएम के अध्यक्ष एस के शर्मा, पूर्व महानिदेशक (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बाद सिक्योरिटी की जिम्मेदारी बढ़ गई है। हमें बदलती परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। शर्मा ने कहा कि आर.के सिन्हा पिछले 32 सालों से इस संस्था को निस्वार्थ चला रहे हैं। यह बहुत बड़ी बात है।
उल्लेखनीय है कि इस दौरान सुरक्षा और उससे जुड़े हानि निवारण उद्योगों के आधुनिकीकरण विषय को लेकर देश-विदेश के एक हजार से अधिक विभिन्न व्यवसाय से जुड़े पेशेवर, विशेषज्ञ और विद्वान इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं।
आज 18 नवंबर 2022 को उद्घाटन समारोह के बाद, कॉन्क्लेव में दो मुख्य प्रस्तुति और दो पैनल चर्चाएं हुई। पैनल 01 में सुरक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने राष्ट्र निर्माण में सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण की भूमिका पर चर्चा की। द्वितीय सत्र में मुख्य भाषण में तकनीकी प्रगति और सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण उद्योग में उनका अनुप्रयोग पर जानकारी दी गई। पैनल दो में तकनीकी प्रगति और सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण उद्योग में उनका अनुप्रयोग विषय पर विशेषज्ञों ने चर्चा की।