अगरतला, 17 नवंबर : त्रिपुरा में सत्ता-विरोधी लहर सरकार या सत्ता पक्ष के खिलाफ नहीं है। कुछ कार्यकर्ता के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। लेकिन चुनाव नतीजों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बिप्लब कुमार देब ने जोर देकर ये दावा किया है। उन्हें यकीन है कि भाजपा या नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोगों मे गुस्सा नहीं है। इसलिए, उन्होंने सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्तायों को सलाह दी कि वे लोगों के सामने अपना सिर झुकाकर रखें।
साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी पदाधिकारियों के असंतोष का असर चुनाव पर पड़ेगा। लेकिन, उस अंतर को भरने में नया मतदाता अहम भूमिका निभाएगा। इसलिए उन्होंने पार्टी कार्यकर्तायों को संदेश दिया है कि हर नए मतदाता से संपर्क करें। अपने विचार बिप्लब कुमार देव ने आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर पत्रकारों से शिष्टाचार मुलाकात में व्यक्त किए है।
बिप्लब ने कहा, जब पार्टी के कार्यकर्ता असंतुष्ट होंगे तभी चुनाव पर उसका असर पड़ेगा। वोटों की संख्या मे गिरावट में इनकी अहम भूमिका होती है। ऐसे में नए वोटर उस अंतर को भरने में अहम भूमिका निभाएंगे। उनके मुताबिक, 2018 के बाद त्रिपुरा की मतदाता सूची में 2.5 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं। वे आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। भाजपा के कार्यकर्तायों को उनमें से हर एक मतदाता तक पहुंचना चाहिए।
उनके मुताबिक चुनावी लड़ाई मुश्किल हो तो जीतना आसान होता है। इस लिहाज से 2018 में सीपीएम ने चुनावी लड़ाई को काफी आसान माना था। लिहाजा उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि फिलहाल त्रिपुरा में बीजेपी के अलावा कोई दूसरी पार्टी नहीं है। बिरोधी दलों के पास प्रचार करने के लिए कोई नेता नहीं है। उन्होंने दृढ़ विश्वास के साथ कहा कि इससे लोग भाजपा पर विश्वास करेंगे। उनका दावा है कि किसी एक व्यक्ति को पसंद नहीं किया जा सकता है। लेकिन जनता बीजेपी को ही वोट देगी।
बिप्लब ने कहा कि प्रद्योत किशोर देवबर्मन का लोकसभा चुनाव में कुछ प्रभाव रहा है, फिर भी कांग्रेस फायदा उठाने में नाकाम रही है। लेकिन, अब स्थिति काफी बदल चुकी है। उन्होंने दावा किया कि लोगों ने 2018 में बदलाव के लिए वोट दिया था। 2023 में सुंदर भविष्य के लिए लोग अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करेंगे।
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि सिर्फ प्रद्योत किशोर देवबर्मन ही ग्रेटर तिप्रालैंड को समझा सकते हैं। हम एकजुटता में विश्वास करते हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा में सरकार बदलने के बाद से अब तक 5 लाख से ज्यादा की नौकरी हो चुकी है। लोगों की औसत आय में वृद्धि हुई है। त्रिपुरा का बजट 14700 करोड़ से बढ़कर 27000 करोड़ रुपैया हो गया है। शहर की तुलना में गांव के लोगों की आय बढ़ी है, उनका आर्थिक विकास बेहतर हुआ है।उन्होंने साफ कहा, 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा एक बार फिर विजन डॉक्यूमेंट के साथ चुनाव की उतरेगी। सरकार और पार्टी के लक्ष्यों को लोगों के सामने पेश किया जाएगा। क्योंकि 2018 विजन डॉक्यूमेंट की 12 प्रमुख प्रतिबद्धताएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। इसलिए भाजपा नए लक्ष्यों के साथ फिर से जनता की अदालत में जाएगी, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है।