बदरीनाथ/जोशीमठ, 16 नवंबर (हि.स.)। श्री बदरीनाथ धाम की पंच पूजाओं के अंतर्गत दूसरे दिन बुधवार को श्री आदिकेदारेश्वर और आद्यगुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए।
श्री बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी श्रीरावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने भगवान आदिकेदारेश्वर के स्वयंभू शिवलिंग को अन्नकूट का भोग लगाकर शिवलिंग को समाधि रूप दिया। इसके पश्चात पुजारी यमुना प्रसाद डंगवाल ने ठीक अपराह्न डेढ़ बजे आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए।
आदिकेदारेश्वर के कपाट बन्द किए जाने के बाद रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने आद्यगुरु शंकराचार्य मंदिर मे पूजा संपादित की, और शंकराचार्य मंदिर के कपाट भी शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए। दोनो मंदिरों के कपाट बंद होने के दौरान बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट ने पूजा अर्चना की।
इस अवसर पर मंदिर समिति सदस्य भाष्कर डिमरी, नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, राजेंद्र सेमवाल, संतोष तिवारी, बद्रीनाथ के थानाध्यक्ष केसी भट्ट, डा. हरीश गौड़, अजय सती,अनसुया नौटियाल, कुलदीप नेगी, राजदीप सनवाल, सतीश मैखुरी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।