भोपाल, 16 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। उनका व्यक्तित्व सागर से गहरा और हिमालय से ऊंचा है। उनका सहज, सरल स्वभाव धैर्य और व्यक्तित्व अनुकरणीय है। उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है। वे किसी राजा के नेता के घर नहीं साधारण परिवार में जन्मी हैं। उनको विरासत में कुछ नहीं मिला। साधारण गरीब परिवार में जन्म लेकर वे अपनी मेहनत के बल पर आगे बढ़ीं। पार्षद से मंत्री तक का सफर तय किया। मंत्री के रूप में उनके द्वारा महिलाओं और जनजातीय वर्ग के लिए किए गए कार्य सराहे गए। वे अब भारत के राष्ट्रपति के पद को सुशोभित कर रही हैं।
मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को भोपाल के लाल परेड मैदान पर आयोजित स्व सहायता समूह के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी यह इच्छा थी कि स्व-सहायता समूह की बहनों को राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हो। आज हमें यह सुअवसर मिला। मेरी बहनों की जिंदगी बन जाए तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक होगा।
आजीविका मिशन की दीदियों ने किया चमत्कार
उन्होंने कहा कि हमारी बहनें अबला नहीं सबला है और अनंत शक्तियों का भंडार हैं। इन्हें जो भी काम दिया गया, उसे उन्होंने पूरी मेहनत के साथ किया है। स्व-सहायता समूहों के साथ जुड़कर हमारी दीदियों ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है, चमत्कार किया है। हाल ही में स्थानीय पंचायत एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में 17 हजार दीदियां चुनाव जीत कर आयी हैं। स्व-सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही है। बड़ी संख्या में महिलाएं लखपति क्लब में शामिल हो रही हैं, जिनकी आय एक लाख सालाना से अधिक हो गयी है।
महिला सशक्तिकरण बना जन-आंदोलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण ने जन-आंदोलन का रूप ले लिया है। सरकार उनके सशक्तिकरण के हर संभव प्रयास कर रही है। मध्य प्रदेश में हमने सबसे पहले स्थानीय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उनका संबल बढ़ाया है। इसी प्रकार पुलिस भर्ती में भी हमने अपनी बेटियों के लिए 30 प्रतिशत और शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की हैं। हमारी बहन-बेटियां पुलिस और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर आत्म-निर्भर भी बनी हैं।
उन्होंने कहा कि बेटियों की सुरक्षा के लिए हमने प्रदेश में सख्त कानून भी बनाये हैं। लड़कियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी पर चढ़ाने वाला कानून सबसे पहले मध्य प्रदेश ने ही बनाया है। मध्य प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदला है। अब प्रदेश में बेटी बोझ नहीं वरदान बन गई है। योजना में हमने बेटी के जन्म से लेकर उसकी उच्च शिक्षा तक के प्रबंध किये हैं। मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बेटा-बेटी में भेदभाव न करने, नशामुक्त गांव बनाने और अन्याय सहन न करने का संकल्प दिलाया।
सम्मेलन में शहडोल के कावेरी स्व-सहायता समूह की फूलवती और गुना के सहयोग स्व-सहायता समूह की अनीता पटेलिया ने अपने अनुभव साझा किए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को फूलवती सिंह ने गोंडी चित्रकला से सुसज्जित शाल और अनीता ने समूह द्वारा निर्मित रेशम की ज्वेलरी भेंट की।
कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी संबोधित किया। इस मौके पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, प्रदेश के मंत्रीगण तुलसी सिलावट, कुंवर विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, कमल पटेल, डॉ. प्रभुराम चौधरी, डॉ. मोहन यादव, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, राम किशोर कांवरे, भोपाल महापौर मालती राय, सांसद वीडी शर्मा और स्व-सहायता समूह की 15 हजार महिलाएं उपस्थित थीं। सभी संभागीय एवं जिला मुख्यालयों से भी समूह की महिला सदस्य सम्मेलन से वर्चुअली जुड़ीं।