जनजातीय वर्ग के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण होगा पेसा एक्ट: राज्यपाल

भोपाल, 15 नवंबर (हि.स.)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज से मध्यप्रदेश में लागू किये गये पेसा एक्ट के नये नियम जनजातीय वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। इन नियमों के लागू होने से ग्राम सभाएं बहुत अधिक शक्तिशाली हो जाएंगी।

राज्यपाल पटेल मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मुख्य आतिथ्य में आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पेसा एक्ट के नये नियमों के अनुसार जल, जमीन और जंगल का प्रबंधन, छोटे-मोटे विवादों का निराकरण, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल, आँगनवाडी केन्द्रों का निरीक्षण, विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग आदि कार्य ग्राम सभा के हाथ में होंगे। उन्होंनेे कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू ने सामान्य जनजातीय परिवार से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचकर नया इतिहास रचा है। वे सबके लिये प्रेरणा बन गयी हैं। राज्यपाल कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से देश में ग्राम स्वराज की परिकल्पना मूर्तरूप ले रही है। सबका विकास और सामाजिक न्याय चरितार्थ हो रहा है।

समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रदेश के लिये सौभाग्य का विषय है कि भगवान बिरसा मुंडा जयंती के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में प्रदेश में जनजातीय वर्ग के सशक्तिकरण के लिये पेसा एक्ट लागू किया जा रहा है। इसके नियम जनजातीय वर्ग को जल, जंगल और जमीन के अधिकार दिलाएंगे। नये नियमों को सामाजिक समरसता के साथ प्रदेश में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पेसा एक्ट के नये नियमों के अनुसार हर साल पटवारी को गांव, जमीन का नक्शा, खसरा नकल, गांव में लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। गड़बड़ी होने पर ग्रामसभा को उसे ठीक करने का अधिकार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेत खदान, गिट्टी-पत्थर के ठेके देना है या नहीं, यह भी ग्राम सभा तय करेगी। इन्हें पहले जनजातीय समाज सहकारी समिति को दिया जायेगा। ग्राम सभा तालाबों का प्रबंधन, उनमें मत्स्याखेट, सिंघाड़ा उगाने की सहमति ग्राम सभा देगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के पैसे से कौन सा कार्य कराया जाए, यह ग्राम सभा ही तय करेगी। जनजातीय क्षेत्रों में सिर्फ लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे पाएंगे। इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देना होगी। छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में किसी थाने में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी। आगामी 20 दिसंबर से विशेष यात्राएं निकाली जाएंगी, जो 4 जनवरी को पातालपानी इंदौर में भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर संपन्न होंगी।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश में जनजातीय समाज के उत्थान, विकास और उनकी परंपराओं को अक्षुण्ण रखने के लिये सराहनीय कार्य हो रहे हैं। हर जनजातीय क्षेत्र में एकलव्य आदर्श रहवासी विद्यालय संचालित हैं। मध्यप्रदेश में केन्द्रीय योजनाओं में अच्छा कार्य हो रहा है। इसके लिये मुख्यमंत्री चौहान बधाई के पात्र हैं। समारोह को केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी संबोधित किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित केन्द्रीय मंत्रियों ने कार्यक्रम स्थल पर लगी जनजातीय नायकों की चित्र-प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों के विभिन्न स्टॉल पर उनके द्वारा तैयार किये गये उत्पाद देखे। गोंड जनजातीय कलाकरों ने सैला रीना नृत्य की प्रस्तुति दी गई।

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