नई दिल्ली, 14 नवंबर (हि.स)। महंगाई के र्मोचे पर आम आदमी को थोड़ी राहत देने वाली खबर है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर अक्टूबर महीने में घटकर 8.39 फीसदी पर आ गई है। अक्टूबर में ईंधन और विनिर्मित उत्पादों के दाम घटने से डब्ल्यूपीआई आधारित थोक महंगाई में गिरावट दर्ज हुई है, जो 19 महीने का निचला स्तर है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार डब्ल्यूपीआई पर आधारित थोक महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 19 महीने के निचले स्तर 8.39 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले मार्च, 2021 में यह 7.89 फीसदी के स्तर पर रही थी। सितंबर में थोक महंगाई 10.79 फीसदी पर थी जबकि अक्टूबर, 2021 में थोक महंगाई 13.83 फीसदी रही थी।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खनिज तेल, मूल धातु, फ्रैबिकेटेड धातु उत्पाद, अन्य गैर-धातु खनिज उत्पाद, खनिजों के दाम घटने से अक्टूबर में थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.33 फीसदी रही, जो सितंबर में 11.03 फीसदी रही थी। सब्जियों की महंगाई घटकर 17.61 फीसदी रही है, जो पिछले महीने 39.66 फीसदी पर थी। इसी तरह ईंधन और बिजली खंड की महंगाई 23.17 फीसदी और विनिर्मित उत्पादों की महंगाई 4.42 फीसदी पर रही है। अप्रैल, 2021 से थोक महंगाई दर लगातार 18 महीने तक तक दो अंक में यानी 10 फीसदी से ज्यादा रही थी।
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई महंगाई पर नियंत्रण के लिए मई से सितंबर के बीच मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है, जो अब 5.90 फीसदी पर है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक दिन पहले ही अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर सात फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद जताई है, जिसके आंकड़ें आज जारी होंगे।