उदयपुर, 14 नवम्बर (हि.स.)। उदयपुर-अहमदाबाद रेलमार्ग विस्फोट के बाद फिर से चालू हो गया है।सोमवार को सुबह पुल की जांच के बाद रेल यातायात को कुछ शर्तों के साथ हरी झंडी दे दी गई है। इसके बाद अहमदाबाद के असारवा से सुबह चलकर दोपहर में यात्री ट्रेन सकुशल उदयपुर पहुंच गई है। शाम को उदयपुर से असारवा जाने वाली गाड़ी भी चलेगी।
उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि रविवार रात करीब 11 बजे रेलवे ट्रैक को रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को सौंपा गया। इसके बाद सोमवार अलसुबह करीब साढ़े तीन बजे रेलवे ट्रैक दुरुस्त हो गया और उसकी जांच कर ली गई। इसके बाद सोमवार को सुबह पुल की जांच के बाद रेल यातायात को कुछ शर्तों के साथ हरी झंडी दे दी गई। इसके बाद अहमदाबाद के असारवा से सुबह चलकर दोपहर में उदयपुर पहुंचने वाली रेलगाड़ी सकुशल पहुंच गई है। असारवा से आने वाली गाड़ी जब ओड़ा पुल से धीमी गति से गुजरी तो वहां क्षेत्रवासियों ने यात्रियों का अभिवादन किया और वीडियो बनाकर वायरल किए। शाम को उदयपुर से असारवा जाने वाली गाड़ी भी चलेगी।
उदयपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित ओड़ा पुल पर हुए विस्फोट मामले की जांच में सारी प्रमुख एजेंसियां जुट गई हैं। मामले की जांच के लिए राजस्थान एटीएस और नेशनल जांच एजेंसी की टीम रविवार को ही पहुंच गई थी। एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य जुटाए। फिलहाल रेलवे ट्रैक पर गाड़ी 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही चलाई जाएगी। पुल का एक गार्डर बदले जाने के बाद ही गाड़ी की गति बढ़ाई जाएगी। सोमवार सुबह केन्द्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारी वारदात की जांच में जुटे नजर आए।
उदयपुर से असारवा जाने वाली यात्री रेलगाड़ी के ओड़ा पुल से गुजरने के कुछ ही देर बाद शनिवार शाम को करीब सवा सात बजे पुल पर विस्फोट हुआ था। रविवार सुबह विस्फोटक लगाकर ट्रैक को उड़ाने की साजिश का खुलासा हुआ। रेलवे और प्रशासन को सूचित करने के बाद असावरा से उदयपुर आ रही गाड़ी को डूंगरपुर में ही रोककर यात्रियों को निजी वाहनों से सड़क मार्ग के जरिये उदयपुर लाया गया। रविवार शाम को उदयपुर से असारवा की गाड़ी उदयपुर से डूंगरपुर के बीच निरस्त कर दी गई।
पूर्व सांसद और कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा ने सोमवार सुबह मौके का दौरा किया। उन्होंने कहा कि उदयपुर में कन्हैयालाल तेली हत्याकांड के बाद ओड़ा पुल पर विस्फोट की घटना ने पूरे क्षेत्र को चिंता में डाला है। उदयपुर में ऐसी घटनाएं पहले कभी नहीं हुई। सुरक्षा एजेंसियां काम कर रही हैं, लेकिन साथ ही इस क्षेत्र में अब कड़ी नजर रखने की जरूरत है।