नई दिल्ली, 14 नवंबर (हि.स.)। बाल दिवस के मौके पर सोमवार को विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने बच्चों को भारत के भविष्य के निर्माता बताते हुए उन्हें बड़े सपने देखने और नए और विकसित भारत के सपने देखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज के सपने कल सच हो सकते हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे इस बारे में सोचें कि वे बड़े होकर किस तरह के भारत में रहना चाहते हैं। उन्होंने छात्रों से परिणाम की चिंता किए बिना कर्तव्य के मार्ग पर चलने का आग्रह किया जो अंततः उन्हें बड़ी सफलता की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा, “आज से आप जिस रास्ते पर चलेंगे वही आने वाले दिनों में भारत की दिशा निर्धारित करेगा।” राष्ट्रपति ने उन्हें यह भी सलाह दी कि वे बड़े होने पर भी अपने भीतर के बच्चे को जीवित रखें। उन्होंने छात्रों से भारत की संस्कृति से जुड़े रहने, हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करने और मातृभूमि से प्यार करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि बचपन जीवन का सबसे खूबसूरत दौर होता है। बच्चों को वैसे ही स्वीकार किया जाता है जैसे वे हैं। यही उन्हें इतना जीवंत बनाता है। आज हम बच्चों की इसी मासूमियत और पवित्रता का जश्न मना रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हर नई पीढ़ी नई संभावनाएं और नए सपने लेकर आती है। यह तकनीकी और सूचना क्रांति का एक नया युग है। बच्चे अब विभिन्न घरेलू, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूक हैं। प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ, ज्ञान और सूचना अब उनकी उंगलियों पर हैं। इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें सही मूल्य सिखाने और उन्हें विभिन्न गतिविधियों और चर्चाओं में शामिल करने के लिए और अधिक प्रयास करें। हम बच्चों से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।