त्रिपुरा में एकता की कमी के लिए राज्य और प्रशासन पर जनजाति लोगों का हक नहीं: प्रद्योत

अगरतला, 12 नवंबर: एकता के कमी के कारण राज्य अपना नहीं बना। यहां तक कि प्रशासन भी अपने पास नहीं रहा। तिपरा मोथा सुप्रीमो और एमडीसी प्रद्योत किशोर देववर्मन ने आज त्रिपुरा में अपने पार्टी के शक्ति परीक्षण करते हुए कुछ इस अंदाज में लोगों को भड़काया है। उनके मुताबिक देश में आजादी का अमृत पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन, हम त्रिपुरा में अपने स्वयं के भूमि अधिकार प्राप्त करने के लिए भीख माँग रहे हैं।

प्रद्योत के अनुसार अधिकार प्राप्त करने के लिए लोगों में एकता स्थापित करना बहुत आवश्यक है। अगर 13 लाख लोग एक हो गए तो पूरा प्रशासन उन्हीं के हाथ में होगा। उन्होंने दावा किया कि जनजाति के बच्चों के लिए कोई नौकरी नहीं है। स्कूल हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण पूरी शिक्षा व्यवस्था कमजोर हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मरीजों का इलाज संभव नहीं है, क्योंकि डॉक्टरों को इलाज के लिए दवा नहीं मिल रही है। प्रद्योत ने सभी समस्याओं का मुख्य कारण एकता की कमी को बताया। सीधे शब्दों में उन्होंने कहा, अगर हम एकजुट नहीं हो सकते हैं, तो विभाजन की नीति हमारे खिलाफ हमेशा बरकरार होगी।आज प्रद्योत ने बीजेपी और सीपीएम को आड़े हात लिया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में पार्टी बदल गई है। लेकिन नेता वही रह गया है। इसलिए त्रिपुरा विकास के स्पर्श से कोसों दूर है। उन्होंने आग्रह किया कि ग्रेटर तिप्रालैंड की मांग को और अधिक बल दिया जाए। उन्होंने आज सभी को याद दिलाया कि 2023 के विधानसभा चुनाव को अस्तित्व और जिने की आखिरी लड़ाई के रूप में देखा जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *