वाराणसी,12 नवम्बर (हि.स.)। अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका को और मजबूत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित पं. दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में आयोजित दो दिवसीय ‘पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन 2022’ में दूसरे दिन शनिवार को कई अहम मुद्दों पर मंथन हुआ।
सम्मेलन के समापन समारोह में तकनीकी विशेषज्ञों ने कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास तथा देश के व्यापक लाजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन में इसकी भागीदारी बढाने के ऊपर विस्तार से चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि पीएम गति शक्ति योजना से देश का आधारभूत ढांचा और मजबूत होगा। वहीं, विशेषज्ञ इस बात से आश्वस्त दिखे कि योजना के क्रियान्वयन के बाद भारत का डंका दुनिया भर में बजेगा। अलग—अलग सत्रों में विशेषज्ञों ने अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के लिए फेयरवे के विकास एवं प्रबंधन की विभिन्न चुनौतियों तथा उनके समााधान के बारे में अपने विशेष दृष्टिकोण को बताया। विशेषज्ञों ने पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की पेचीदगियों और डेटा और सूचना की विभिन्न परतों के बारे में विस्तार से बताया।
अंतर्देशीय जलमार्गों में भारत के भीतरी इलाकों के लिए जीवन रेखा बनने की क्षमता
सम्मेलन में इस बात भी चर्चा की गई कि कैसे इंफ्रास्टक्चर को मजबूती प्रदान की जाए और इसका रोड मैप क्या हो। समापन समारोह में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्गों में भारत के भीतरी इलाकों के लिए जीवन रेखा बनने की क्षमता है। यह वैश्विक बाजार तक उनकी आसान पहुंच प्रदान करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
नवीन तकनीकी समाधानों की मदद से गंगा में व्यापक सिल्टेशन की समस्या दूर होगी
सम्मेलन में मुख्य सलाहकार, इनोवान्टे वाटर साल्यूशन्स एवं पूर्व प्रोफेसर, आई. आई. टी, रुड़की डॉ. नयन शर्मा ने वाटरवेज के प्रबंधन के लिये अपने विस्तृत अनुभव के आाधार पर अभिनव तकनीकी समाधानों के बारे में बताया। प्रो. शर्मा के मुताबिक इन नवीन तकनीकी समाधानों की मदद से गंगा नदी में व्यापक सिल्टेशन की समस्या को दूर किया जा सकता है। आईआईटी, खड़गपुर प्रो. ओम प्रकाश शा ने पान्टून पुलों के त्वरित खोलने एवं बंद करने की प्रणाली के मशीनीकरण के लिए एक समाधान के ऊपर प्रस्तुति दी। इस समाधान के उपयोग से जहाज परिचालन में समय की बचत हो सकती है। उन्होनें इस प्रणाली के उपयोग एवं प्रबंधन पर उचित पशिक्षण की जरुरत पर भी जोर दिया। अन्तर राष्ट्रीय विशेषज्ञ हैरी. डी. लियर ने अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास तथा देश के व्यापक लाजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन में इसकी भागीदारी बढाने के लिए सरकार की समर्थकारी नीतियों की महत्ता पर जोर दिया। कैप्टन इन्द्रवीर सोलंकी ने जहाज संचालकों की विभिन्न समस्याओं तथा उनके समाधान को बताया। कैप्टन ने सरकार द्वारा जल परिवहन को बढावा देने के लिए प्रोत्साहन एवं आवश्यक सहायता की जरुरत पर भी बल दिया। रॉयल आई.एच.सी याको क्लीवेट ने अंतर्देशीय जलमार्ग में ड्रेजिंग के लिए विभिन्न प्रकार के ड्रेजर्स की उपलब्धता एवं इनके उपयोग के उपर विस्तृत प्रस्तुति दी।
सम्मेलन की उपलब्धि
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन पीएम गति शक्ति एनएमपी, इसके घटकों और आर्थिक विकास के इंजन के रूप में उनके महत्व को उजागर करेगा। सम्मेलन में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल रहे। शिखर सम्मेलन के तकनीकी सत्र में विश्व बैंक और बांग्लादेश सरकार के अधिकारियों ने भी भाग लिया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि, नेपाल और भूटान के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।