नई दिल्ली, 09 नवम्बर (हि.स.)। चीन को हमेशा से परेशान करने वाला क्वाड समूह के देशों का बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास मालाबार बुधवार को जापान के योकोसुका में भव्य समारोह के साथ शुरू हो गया। जापान की मेजबानी में इस सालाना नौसैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत आईएनएस शिवालिक और कमोर्टा जापान में हैं। भारत के पी-8आई टोही विमान भी समुद्री युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे।
क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्यूयूएडी-क्वाड) समूह के चार देशों के इस संयुक्त अभ्यास को हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच के रूप में देखा जा रहा है। जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) की ओर से प्रमुख जहाज जेएस ह्यूगा पर एक उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। भारतीय नौसेना की ईस्टर्न फ्लीट के कमांडर रियर एडमिरल संजय भल्ला ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें आईएनएस शिवालिक और कामोर्टा के चालक दल शामिल थे।
जापानी नौसेना के कमांडर इन चीफ वाइस एडमिरल युसा हिदेकी, यूएस नेवी सेवेंथ फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल कार्ल थॉमस और ऑस्ट्रेलियन फ्लीट के कमांडर रियर एडमिरल जोनाथन अर्ली ने भी अपनी-अपनी नौसेनाओं के कर्मियों के साथ समारोह में भाग लिया। चारों देशों के साथ मालाबार अभ्यास का यह 26वां संस्करण नवंबर तक होगा। भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत आईएनएस शिवालिक और कमोर्टा 02 नवम्बर को ही जापान पहुंच गए थे। भारत के पी-8आई समुद्री टोही विमान भी मालाबार युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे। इस साल मालाबार एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य एंटी-सबमरीन वॉरफेयर ड्रिल है।
भारत के इन दोनों जहाज़ों ने 06 नवम्बर को जापानी अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) में भी भाग लेकर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुके हैं। भारतीय नौसेना के बैंड और मार्चिंग दल ने अन्य नौसेनाओं के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जापान गए नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार भी आईएफआर में शामिल हुए थे। नौसेना प्रमुख ने 07-08 नवंबर को योकोहामा में 18वीं पश्चिमी प्रशांत नौसेना संगोष्ठी (डब्ल्यूपीएनएस) में पर्यवेक्षक के रूप में हिस्सा लिया। चारों देशों के वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों ने योकोसुका में आईएफआर से संबंधित कार्यक्रमों में भाग लेकर उच्च स्तरीय द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर चर्चा की है।