रूसी विदेश मंत्री से मिले भारतीय विदेश मंत्री, यूक्रेन से बातचीत की दी सलाह

मॉस्को, 08 नवंबर (हि.स.)। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने रूस को यूक्रेन से बातचीत की सलाह भी दी।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय रूस दौरे पर पहुंचे हैं। मंगलवार को मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि इस साल हम पांचवीं बार मिल रहे हैं और यह लंबी अवधि की साझेदारी एक-दूसरे को जो महत्व देती हैं। उन्होंने इस साझेदारी को महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि उन्हें रूस पहुंचकर खुशी हुई है और ये संवाद आगे भी जारी रहेगा। दावा किया कि दोनों देशों की सरकारें विभिन्न स्तरों पर निरंतर संपर्क में हैं।

भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने समरकंद में हुई भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है। पूरी दुनिया युद्ध के परिणाम देख रही है। इस दौरान भारत की ओर से रूस को बातचीत पर पुन: वापस लौटने की सलाह भी दी गयी। जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव साफ दिख रहे हैं। आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि ये मुद्दे सतत प्रक्रिया का हिस्सा हैं, किन्तु इन दोनों का भारी प्रभाव प्रगति व समृद्धि पर पड़ता है। भारत और रूस के बीच वार्ता समग्र वैश्विक स्थिति के साथ क्षेत्रीय चिंताओं का भी समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि एक बहुध्रुवीय व असंतुलित दुनिया में भारत और रूस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और दोनों देशों के बीच संबंध असाधारण रहे हैं।

रूसी विदेश मंत्री ने लावरोव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस समय विविध बदलावों का सामना कर रहा है। ऐसे में इसका आकलन करना भी जरूरी है कि दोनों देश अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश और तकनीकी क्षेत्रों में मिल कर श्रेष्ठ काम करें। इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति ने आपस में मिलकर जो लक्ष्य निर्धारित किये हैं, उन तक भी पहुंचना जरूरी है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मजबूती पर भी जोर दिया, जिसका भारत अभी तक एक अस्थायी सदस्य है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश इन सभी मुद्दों पर सकारात्मक बातचीत कर संयुक्त प्रगति का पथ प्रशस्त करेंगे।

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