अपने सशक्त और शानदार अभिनय से देश-विदेश में अपनी खास पहचान बनाने वाली अभिनेत्री एवं निर्देशिका नंदिता दास का जन्म 7 नवंबर 1969 को मुंबई में हुआ था। नंदिता के पिता जाने-माने पेंटर जतिन दास, वहीं उनकी मां वर्षा दास लेखिका हैं। नंदिता ने अपनी पढ़ाई दिल्ली से पूरी की। बचपन से ही उन्हें फिल्मों में अभिनय करने का शौक था। अपनी पढ़ाई पूरी करने बाद नंदिता एक थियेटर ग्रुप से जुड़ गई। इस दौरान उन्होंने कई सामाजिक संगठनों के साथ जुड़कर समाज सेवा भी की। नंदिता दास पहली बार 1989 में आई प्रकाश झा की फिल्म ‘परिणीति’ में नजर आईं। नंदिता दीपा मेहता की फिल्म ‘फायर’ से चर्चा में आईं। इस फिल्म में उनके साथ शबाना आजमी भी थीं। यह फिल्म समलैंगिकता पर आधारित थी। फिल्म में बोल्ड अभिनय के लिए उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था।
नंदिता दास उन अभिनेत्रियों में से हैं जिन्होंने अभिनय की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनकी ज्यादातर फिल्में कंट्रोवर्सी का शिकार होने के बावजूद खूब चली और दर्शकों ने उनके शानदार अभिनय को काफी पसंद किया। नंदिता दास ने हिंदी, अंग्रेजी, मलयालम, कन्नड़ सहित 10 भाषाओं की फिल्मों में अभिनय किया है जिसमें अर्थ, बवंडर, कन्नथिल मुथामित्तल, अझागि, बिफोर द रेन्स, पिता, ढाबा, अलबर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है आदि शामिल हैं। इसके साथ ही नंदिता ने कई सफल फिल्मों का निर्देशन भी किया है जिसमें फिराक, इन डिफेंस ऑफ फ्रीडम और मंटो शामिल हैं। नंदिता दास ने अपनी फिल्मों के जरिये सामाजिक कुरीतियों को बहुत शानदार तरीके से उजागर किया है। देश-विदेश में अपने अभिनय की बदौलत उन्होंने एक अलग मुकाम हासिल किया है।
नंदिता दास की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने साल 2002 में सौम्य सेन से शादी की थी, लेकिन 2007 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद नंदिता ने मुम्बई के बिजनेसमैन सुबोध मस्कारा को कुछ समय तक डेट करने के बाद उनसे 2 जनवरी 2010 को शादी कर ली। नंदिता और सुबोध मस्कारा का एक बेटा है जिसका नाम विवान है।