नई दिल्ली, 04 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोतों को लंदन में अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के वार्षिक समारोह में वीरता पुरस्कार मिला है। यह सम्मान पिछले साल मई में आये अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान ताउते के दौरान बचाव कार्यों में नौसैनिकों के असाधारण साहस और वीरता के लिए दिया गया है। तूफ़ान और चक्रवात में फंसे सैकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए तीनों सेनाओं को तैनात किया गया था, जिसमें नौसेना के जहाजों ने अहम भूमिका निभाई थी।
भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता और ग्रेट शिप अहल्या के क्रू को लंदन में अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के वार्षिक वीरता पुरस्कार समारोह में प्रशस्ति प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। चक्रवात ताउते के दौरान बचाव कार्यों में वीर नाविकों ने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया था। अरब सागर में पिछले साल 14-19 मई को उठा शक्तिशाली, घातक और हानिकारक चक्रवाती तूफान ताउते ने भारत के पश्चिमी समुद्री तट को प्रभावित किया था। भारत के अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, लक्षद्वीप भी इस तूफान से प्रभावित हुए थे।
मुंबई के बॉम्बे हाई के पास तेल उत्खनन के काम में लगे बार्ज पी-305 और बार्ज गैल कंस्ट्रक्टर चक्रवात ताउते की तूफानी लहरों में बह गए थे। नौसेना ने अत्यंत चुनौतीपूर्ण समुद्री परिस्थितियों में आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता और ग्रेट शिप अहल्या को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया। जहाज पर तैनात नौसैनिकों ने बार्ज पी-305 और बार्ज गैल कंस्ट्रक्टर पर सवार 261 कर्मियों की जान बचाई थी, जबकि 18 हताहत हुए थे। बार्ज गैल कंस्ट्रक्टर के सभी 137 लोगों को सुरक्षित बचाया गया था। समुद्र में डूबे जहाज बार्ज पी-305 से बचाए गए कर्मचारियों को सुरक्षित मुंबई लाया गया था।
इसी असाधारण साहस के लिए लंदन में आयोजित वार्षिक वीरता पुरस्कार समारोह में आईएमओ के महासचिव किटक लिम ने भारतीय नौसेना के जहाजों आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता और ग्रेट शिप अहल्या के चालक दल को प्रशस्ति प्रमाण पत्र से सम्मानित किया। भारतीय नौसेना की ओर से भारतीय नौसेना सलाहकार एचसीआई, लंदन ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।