इस्लामाबाद, 4 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमला करने वाला युवक आजादी मार्च की शुरुआत स्थल यानी लाहौर से ही इमरान का पीछा कर रहा था। पाकिस्तान सरकार ने हमले की जांच के लिए उच्च स्तरीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के गठन का एलान किया है। वहीं, हमलावर का बयान लीक होने के मामले में कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद तक आजादी मार्च निकाल रहे थे। गुरुवार को इस मार्च के सातवें दिन वजीराबाद में जफर अली खान चौक के पास इमरान खान के वाहन के पास इमरान को निशाना बनाकर गोलियां बरसाई गयीं। ताबड़तोड़ चली गोलियों में इमरान खान को भी गोलियां लगीं। हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गयी और इमरान खान सहित नौ लोग घायल हो गए थे। इमरान खान को गोली लगने के बाद लाहौर के शौकत खान मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया। वहां भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और अस्पताल के बाहर गुलदस्ते रखकर इमरान के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
इमरान खान पर हमले को लेकर पाकिस्तान में सियासी घमासान मच गया है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ ने देशव्यापी प्रदर्शनों का एलान किया है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के गठन की घोषणा की है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इस मसले में पंजाब राज्य की सरकार को निर्देश देकर जांच दल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ खुफिया विभाग के अधिकारियों को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच इमरान पर हमला करने वाले ने कहा है कि वह लाहौर से ही इमरान का पीछा कर रहा था। वह उनकी हत्या की योजना बना रहा था। उसने कहा है कि इमरान खान जनता को गुमराह कर रहे हैं, इसलिए उसने इमरान को मारने की पूरी कोशिश की। उसने दावा किया कि वह सिर्फ इमरान खान को मारना चाहता था और किसी को नहीं।
हमलावर का यह बयान लीक होना भी चिंताजनक करार दिया गया है। पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज इलाही ने हकीकी आजादी मार्च के दौरान हमला करने वाले संदिग्ध व्यक्ति के कबूलनामे को सार्वजनिक करने के प्रकरण पर संज्ञान लिया है। उन्होंने इस मामले में पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक को जांच के आदेश देने के साथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को कहा है।
संदिग्ध का कबूलनामा लीक होने के बाद थाना प्रभारी और संबंधित पुलिस थाने के अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि थाने के कर्मचारियों के सभी मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें फोरेंसिक ऑडिट के लिए भेजा जाएगा।