नई दिल्ली, 01 नवबंर (हि.स.)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए गुटबंदी से ऊपर उठने का आहवान किया है। एससीओ ने कहा है कि विवादों को हल करने में संयुक्त राष्ट्र की केन्द्रीय भूमिका होनी चाहिए व विभिन्न गुटों के बीच टकराव और विरोध की स्थिति खत्म होनी चाहिए।
भारत, चीन और रूस की प्रमुख भूमिका वाले एससीओ संगठन के सरकार प्रमुखों की 21वीं बैठक मंगलवार को संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता चीन के प्रधानमंत्री ली कु चियांग ने की। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संपन्न बैठक में चीन, रूस, तजाकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान और उज़्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने भाग लिया जबकि भारत और पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्रियों ने भाग लिया। पाकिस्तान की ओर से बिलावल अली भुट्टो जरदारी ने भाग लिया।
बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में एससीओ देशों ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के नए रूप का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें आपसी सहयोग और सम्मान तथा न्याय और समानता पर जोर दिया जाना चाहिए।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि परंपरागत और गैर-परंपरागत चुनौतियों तथा सुरक्षा संबंधी खतरों का मुकाबला करने के लिए जरूरी है कि टकराव के रवैये से बचा जाए। साथ ही गुटों पर आधारित नीति का परित्याग किया जाए।
सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों देशों के बीच मध्य एशियाई देशों पर केन्द्रित संपर्क और परिवहन सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया। इससे एससीओ क्षेत्र की आर्थिक क्षमता का दोहन होगा और इसमें चाबहार बंदरगाह व अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।