ऋषिकेश, 01 नवम्बर (हि.स.)। परमार्थ निकेतन आश्रम में आज गुजरात के मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए संतों और गण्यमान्याें ने ईश्वर से कामना की।
परमार्थ निकेतन आश्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के अध्यक्ष परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती , स्वामी नारायण गुरुकुल के प्रमुख संत माधवप्रिय दास और संतों ने मोरबी केबल ब्रिज हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए मां गंगा के तट से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कीं और उनके मोक्ष की प्रार्थना की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गुजरात, मोरबी में रविवार को हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस तरह की दुर्घटनाएं हम सभी के हृदय को विचलित कर देती हैं। इस घटना से कई परिवार बिखर गये, कइयों ने अपनों को खो दिया। ईश्वर उन सभी को असमय आये दुःख को सहने की शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करें। उन्होंने कहा कि इस घटना ने न केवल भारतवासियों को बल्कि विश्व के अन्य देशों में रहने वालों को भी झकझोर दिया है। कल से विश्व के अनेक लोगों के मेरे पास फोन आ रहे हैं और लोग पूछ रहे हैं कि क्या उत्तराखंड की हालत भी ऐसी है? उत्तराखंड के ब्रिज सुरक्षित है?
मैंने कहा कि भय का माहौल न बनाएं। उत्तराखंड के ब्रिज सुरिक्षत हैं। हमें ध्यान रखना होगा कि ऐसी घटनाओं से भय उत्पन्न होता है इसलिये ऐसी घटनाएं न घटें, इसके लिए सरकार-प्रशासन और समाज सभी को विशेष रूप से ध्यान रखना होगा। जनसमुदाय को भी नियमों का पालन करना चाहिए ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके क्योंकि ये सभी की जिम्मेदारी है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश में घटने वाली इस तरह की घटनाएं अत्यंत दुःखद हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये सरकार और समाज को मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
परमार्थ निकेतन गंगा तट पर ओम बिरला, स्वामी चिदानन्द सरस्वती और संतों के पावन सान्निध्य में परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमार और सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने मिलकर इस दुखद घड़ी में पीड़ित परिवारों को संबल और धैर्य प्रदान करने और मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
गौरतलब है कि दीपावली, छठ महोत्सव और रविवार छुट्टी का अवसर होने के कारण लोग अपने परिवार और अपनों के साथ रविवार को हाॅली-डे मनाने मोरबी केबल ब्रिज पहुंचे थे। पर्यटकों की संख्या 500 से अधिक होने के कारण केबल ब्रिज टूट गया और सैकड़ों की संख्या में लोग मच्छु नदी में जा गिरे। इस हादसे में 136 लोगों की मौत हो गयी और कई लोग घायल हो गये।