नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। रेल मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से सभी व्यावसायिक प्रक्रियाओं और फाइल कार्य को डिजिटल करके 1 नवंबर से पूरी तरह से कागज रहित कार्य करने का निर्णय लिया है। इससे कार्यालयों में कागज की बर्बादी पर अंकुश लगेगा।
रेल मंत्रालय ने सोमवार एक आधिकारिक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में चारों ओर स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने, सार्वजनिक शिकायतों की लंबितता को कम करने और कार्यस्थलों पर कार्य-संस्कृति में सुधार करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया था।
अभियान की अगली कड़ी सितंबर में 02.10.2022 से 31.10.22 तक ‘विशेष अभियान 2.0’ नाम से शुरू की गई है, जिसमें सभी क्षेत्रों में स्वच्छता और सुशासन को और बढ़ावा देने के लक्ष्य और लक्ष्य शामिल हैं। पूरे देश में काम करने का जो एक बड़ी सफलता रही है।
विशेष अभियान 2.0 के दर्शन के अनुरूप, रेल मंत्रालय ने देश के कोने-कोने में भारतीय रेल की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने कामकाज के सभी क्षेत्रों में अपने लिए बहुत व्यापक दायरा निर्धारित किया था। तदनुसार, इसने अपने सभी 7337 स्टेशनों को स्वच्छता अभियान के लिए लिया, जो अपने आप में एक बहुत बड़ा काम है, जिसमें स्टेशनों की मशीनीकृत सफाई, और प्रमुख स्टेशनों तक पहुंच सहित ट्रेनों की सफाई, प्लास्टिक और अन्य कचरे के संग्रह और सुरक्षित निपटान पर जोर दिया गया है। बैंगलोर रेलवे स्टेशन के ऐसे ही एक प्रयास की माननीय प्रधान मंत्री द्वारा सराहना की गई।
बयान में कहा गया है कि 2 अक्टूबर से, रेल मंत्रालय ने सभी स्टेशनों, कार्यालयों, कार्यशालाओं, उत्पादन इकाइयों और अन्य कार्यालयों को कवर करते हुए 9000 से अधिक स्वच्छता अभियान चलाए और इस संबंध में 100 प्रतिशत लक्ष्य पहले ही प्राप्त कर लिया गया है। एक लाख छियासी हजार से अधिक भौतिक फाइलों और लगभग 30000 ई-फाइलों की समीक्षा की जा चुकी है। ऊपर से नीचे तक के सभी कर्मचारी वीआईपी, एमपी और एमएलए संदर्भों और संसदीय, राज्य सरकार, पीएमओ संदर्भों और जन शिकायतों और अपीलों सहित लंबित मामलों के निपटान में सक्रिय रूप से शामिल थे। कई मापदंडों पर लगभग 80 प्रतिशत परिसमापन पहले ही प्राप्त कर लिया गया है। विशेष अभियान 2.0 के अंतिम दिन रेल मंत्रालय ने 3000 से अधिक वीआईपी संदर्भ, 160 राज्य सरकार के संदर्भ और 2.6 लाख से अधिक जन शिकायतों का निपटारा किया। इकाइयों के वरिष्ठतम अधिकारियों द्वारा अभियानों की बारीकी से निगरानी और संचालन किया जा रहा है, जो महत्व और जागरूकता फैलाने के लिए अपने कार्यालयों का बार-बार चक्कर लगा रहे हैं। अभियान अवधि के दौरान 33 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के कार्यालय स्क्रैप का निपटान किया गया है और 16000 वर्ग फुट की जगह खाली की गई है।
इसके अलावा, लोक शिकायतों की निगरानी ‘रेल मदद पोर्टल’ के माध्यम से भी की जाती है, जो शिकायतों का वास्तविक समय पर निवारण और लंबित शिकायतों की ऑनलाइन निगरानी और इन शिकायतों के निपटान की सुविधा प्रदान करता है।
रेल मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से सभी व्यावसायिक प्रक्रियाओं और फाइल कार्य को डिजिटल करके 1 नवंबर से पूरी तरह से कागज रहित कार्य करने का निर्णय लिया है।