कानपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि पूर्वोत्तर मानसून के लिए आवश्यक मौसम पैरामीटर पहले ही पूरे हो चुके हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तर-पूर्वी हवाएं तेज हो गई हैं और जल्द ही पूर्वोत्तर मॉनसून की शुरुआत हो जाएगी। एक नवम्बर से आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे बढ़ेंगी।
उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट और रायलसीमा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। नेल्लोर, कवाली, तिरुपति और चित्तूर जैसे स्थानों पर कुछ तेज बारिश हो सकती है। श्रीलंका के पास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने की सम्भावना है। एक ट्रफ रेखा इस चक्रवाती परिसंचरण से तटीय आंध्र प्रदेश तक फैलेगी।
दो से चार नवम्बर के बीच तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के साथ-साथ केरल में बारिश की गतिविधियों में धीरे-धीरे वृद्धि होगी। हालांकि बाढ़ की बारिश की उम्मीद नहीं है, लेकिन कुछ मध्यम से भारी बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता है।
तमिलनाडु में अक्टूबर से दिसम्बर के बीच पूर्वोत्तर मानसून के दौरान सबसे ज्यादा बारिश होती है। इसके साथ ही दिल्ली सहित उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ और एंटी साइक्लोन के कारण अगले दो दिन तापमान बढ़ेगा।