नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। भारत-मोज़ाम्बिक-तंजानिया की नौसेनाओं का पहला संयुक्त समुद्री अभ्यास तंजानिया के दार अस सलाम बंदरगाह पर शनिवार को ख़त्म हो गया। इस त्रिपक्षीय अभ्यास में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट, आईएनएस तरकश, एक चेतक हेलीकॉप्टर और मार्कोस (विशेष बल) ने किया। भारत ने तंजानिया के साथ समुद्री सुरक्षा ढांचे को सहयोग देने के लिए औपचारिक प्रारूप तैयार किया है क्योंकि समुद्र मार्ग के माध्यम से समुद्री डकैती, सशस्त्र डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी, आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।
तंजानिया में 27 अक्टूबर से शुरू हुए इस अभ्यास का मकसद प्रशिक्षण और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना, इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाना,समुद्री सहयोग मजबूत करने के माध्यम से आम खतरों को दूर करने के लिए क्षमता का विकास करना था। तीन दिवसीय अभ्यास के दौरान तीनों नौसेनाओं ने बंदरगाह और समुद्री चरण में हिस्सा लेकर एक-दूसरे की क्षमताओं को साझा किया। बंदरगाह चरण में क्षमता निर्माण गतिविधियां जैसे यात्रा, बोर्ड, खोज और जब्ती, छोटे हथियारों का प्रशिक्षण, संयुक्त डाइविंग ऑपरेशन, क्षति नियंत्रण और अग्निशमन अभ्यास और क्रॉस डेक दौरे किये गए। समुद्री चरण में नाव संचालन, बेड़े युद्धाभ्यास, यात्रा, बोर्ड, खोज और जब्ती संचालन, हेलीकॉप्टर संचालन, छोटे हथियारों से फायरिंग, फॉर्मेशन एंकरिंग और ईईजेड गश्त को शामिल किया गया।
ये अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, समुद्री पड़ोसियों के साथ सहयोग बढ़ाने और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत और भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। तंजानिया इस दशक के सबसे तेजी से विकास करने वाले अफ्रीकी देशों में से एक है और भारत-अफ्रीका संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दोनों देशों ने बढ़ती विकास साझेदारी, शैक्षिक संपर्क, व्यापार एवं निवेश प्रवाह पर चर्चा की है कि किस प्रकार दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश में गति लाई जा सकती है।